रामविलास पासवान : ऐसा दलित नेता जिसकी निगाह में पार्टी और विचारधारा से ज्यादा पद रहा महत्वपूर्ण

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नई दिल्ली। ‘राजनीति में आप जिसका साथ दे रहे हैं, वह आपको भुला सकता है, लेकिन अगर आप किसी समूह पर हमला बोल दें तो वे ना कभी भूलेंगे और नाहीं कभी माफ करेंगे’ रामविलास पासवान ने एक अनौपचारिक भोज के दौरान विभिन्न और विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों के साथ उनके मधुर संबंधों के राज के बारे में सवाल करने पर कुछ ऐसा कहा था।

पासवान की राजनीतिक विचाराधारा का यह मूल देश के महत्वपूर्ण दलित नेता के व्यक्तित्व को दर्शाता है, जो खुद कभी किंग (प्रधानमंत्री) नहीं बन सके लेकिन अपने पांच दशक से भी लंबे करियर में उन्होंने तमाम लोगों को शीर्ष की कुर्सी पर बैठाया और उन्हें उतरते हुए भी देखा।

पासवान हमेशा से दोस्त बनाने, संबंधों में निवेश करने में भरोसा रखते थे और कभी-कभी खुद को झगड़ रहे गठबंधन सहयोगियों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने वाले की तरह भी देखते थे।

पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदे पासवान 1969 में कांग्रेस-विरोधी मोर्चा की ओर से चुनाव मैदान में उतरे और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। जमीन से शुरुआत तक कई समाजवादी पार्टियों में विभिन्न पदों पर रहते हुए, समय के साथ-साथ बदलते उनके स्वरूप के साथ देश के महत्वपूर्ण दलित नेता बनकर ऊभरे।

बिहार के खगड़िया में 1946 में जन्मे पासवान आठ बार निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे और फिलहाल वह राज्यसभा के सदस्य थे। चौधरी चरण सिंह नीत लोक दल में बरसों तक पासवान के साथ रहे जद(यू) के केसी त्यागी उन्हें 45 साल से भी लंबे वक्त तक का समाजवादी कर्मी बताते हैं। उनका कहना है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक ने उत्तरी भारत में दलितों को एकजुट करने का महत्वपूर्ण काम किया और जाते-जाते भी उनकी आवाज बने रहे।

पासवान के निधन के साथ ही 1975-77 में लगाए गए आपातकाल के विरोध में हुए जनआंदोलन के एक और महत्वपूर्ण समाजवादी नेता की जीवन लीला का पटाक्षेप हो गया। वह कई बार बड़े प्रेम से ऐसी कविताएं सुनाया करते थे जिनमें राजनीतिक और सामाजिक संदेश रहता था, कई उनकी खुद की लिखी होती थीं।

पासवान 1989 में सत्ता में आयी वीपी सिंह सरकार में महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहे और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे हिन्दी भाषी राज्यों में राजनीतिक समीकरण को हमेशा के लिए उलट-पलट दिया।

पासवान के व्यक्तित्व में विशेष आकर्षण यह भी था कि पार्टी और गठबंधन चाहे किसी भी विचारधारा के हों, उनके संबंध सभी के साथ हमेशा मधुर रहे हैं। आलम यह रहा कि कांग्रेस विरोधी आंदोलन से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले पासवान की अटल बिहारी वाजपेयी और सोनिया गांधी दोनों से छनती थी। वह वाजपेयी नीत राजग सरकार में मंत्री रहे तो मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार में भी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 2014 से लेकर अभी तक वह केन्द्रीय मंत्रिमंडल का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे।

दिलचस्प बात यह भी है कि भगवा पार्टी के साथ मतभेद बढ़ने पर वह वाजपेयी सरकार से अलग हुए थे, उस दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओलाचना में उन्होंने कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी थी, लेकिन मई, 2014 में मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार में शामिल होने के बाद वह प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र बन गए, खास तौर से दलित मुद्दों पर।

अपने राजनीतिक करियर के शुरुआती दो दशकों में पासवान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कटु आलोचक हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने नरम रूख अपना लिया और हमेशा कहते रहे कि हिन्दुत्व संगठन को दलितों के लिए अपनी छवि बदलने की जरुरत है।

वह दलितों के हित में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए कार्यों का खूब समर्थन करते थे और इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते थे। केन्द्र में सत्ता में आने वाले गठबंधन के साथ पानी में नमक की तरह घुलमिल जाने की प्रवृत्ति के कारण कई बार आलोचक उन्हें ‘‘मौसम वैज्ञानिक’’ भी बुलाते थे।

सोनिया ने पासवान के निधन पर दुख जताया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर दुख जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह हमेशा सामाजिक एवं राजनीतिक भागीदारी के मकसद पर जोर देने के लिए याद किए जाएंगे।

सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘‘पासवान जी के निधन से बहुत दुख हुआ है। वह कद्दावर व्यक्तित्व थे जो जीवन भर वंचित तबकों के सशक्तीकरण और सामाजिक न्याय के मकसद के लिए खड़े रहे। वह हमेशा सामाजिक एवं राजनीतिक भागीदारी के मकसद पर जोर देने के लिए याद किए जाएंगे। मैं अपने एक साथी और संप्रग सरकार में एक सक्षम एवं कुशल मंत्री के तौर पर उनके साथ अपने जुड़ाव को याद करती हूं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने पासवान की पत्नी, पुत्र चिराग, परिवार के अन्य सदस्यों, मित्रों तथा समर्थकों के प्रति संवेदना प्रकट की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चिराग पासवान को पत्र लिखकर दुख प्रकट किया और रामविलास पासवान के योगदान को याद किया।

रामदास अठावले ने रामविलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त किया

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बृहस्पतिवार को अपने कैबिनेट सहयोगी रामविलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि देश ने एक लोकप्रिय दलित नेता को खो दिया।  वह एक लोकप्रिय सांसद और दलित नेता थे। देश ने एक लोकप्रिय नेता को खो दिया है और यह समाज और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

पासवान ने गरीबों, दलितों के उत्थान के लिए काम किया: आडवाणी

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए काम किया। वह वाजपेयी सरकार में मेरे प्रमुख सहयोगी के रूप में रहे, जिन्होंने गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए बहुत ईमानदारी से काम किया। वह सच्चे अर्थों में जमीनी नेता थे। पासवान जी का निधन वास्तव में राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया दुख

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर बृहस्पतिवार को दुख जताया।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर मुझे गहरा दुख हुआ। उन्होंने समाज के निचले तबके के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं औऱ उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।’’

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने शोक संदेश में कहा कि राष्ट्रीय राजनीति, खासकर बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी के निधन का समाचार दुःखद है।

मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारजनों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय मंत्री पासवान के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर स्तब्ध और दुःखी हूं। बिहार के साथ संपूर्ण देश के विकास में दिए गए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें व परिजन को धैर्य प्रदान करें यही प्रार्थना है।

केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों ने पासवान को दी श्रद्धांजलि

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन पर बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं ने शोक प्रकट किया और दलितों तथा वंचितों के लिए राजनीति में उनके योगदान को याद किया।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में कहा कि समाज के गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों के उत्थान में पासवान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पासवान के निधन से केंद्र सरकार, बिहार की जनता और देश को अपूरणीय क्षति हुई है।

बेंगलुरु में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने पासवान के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा, ‘‘मैं केंद्रीय मंत्री और आठ बार सांसद रहे राम विलास पासवान जी के निधन से बहुत दुखी हूं। उन्होंने मेरी सरकार में रेल मंत्री के रूप में काम किया था। उनके जैसे वरिष्ठ नेता का जाना हमारे देश के लिए बड़ी क्षति है।’’

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से दुखी हूं। वह हमारे देश के बहुत अच्छे नेताओं में से एक थे और उनका काम उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।’’

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलीन कुमार कटील, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और जन सेना के अध्यक्ष के पवन कल्याण ने भी पासवान के निधन पर दुख प्रकट किया।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पासवान को याद करते हुए कहा कि लोजपा नेता ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन का समर्थन किया था।

राज्यपाल कलराज मिश्र व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पासवान के निधन पर शोक जताया

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर बृहस्पतिवार को शोक जताया।

राज्यपाल मिश्र ने शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आकस्मिक निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ, अपने सामाजिक और लोक कल्याण कार्यों के लिए वह सदैव याद किये जायेंगे।’’

विधानसभा अध्यक्ष डा. जोशी व मुख्यमंत्री गहलोत ने पासवान के निधन पर शोक जताते हुए उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना जताई। पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने शोक जताते हुए ट्वीट किया कि वंचित तबकों के उत्थान में पासवान के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

पासवान के सम्मान में शुक्रवार को आधा झुका रहेगा तिरंगा

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार देर रात घोषणा की कि केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर उनके सम्मान में शुक्रवार को दिल्ली, सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में तिरंगा आधा झुका रहेगा। केन्द्रीय मंत्री का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘दिल्ली और राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में, जहां हमेशा तिरंगा लहराता है, वहां नौ अक्टूबर को और उनके अंतिम संस्कार वाले दिन, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) आधा झुका रहेगा।’’