नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जताई और इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए ‘‘तीव्र और निर्णायक’’ कदम उठाने का आह्वान किया।
कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति और देश भर में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण को सिलसिले में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल माध्यम से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं जबकि देश के 70 जिलों में सकारात्मक मामलों की दरों में 150 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम इसे यहीं नियंत्रित नहीं कर सके तो इसके राष्ट्रव्यवापी फैलाव की स्थिति आ सकती है।’’ इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री ने तीव्र और निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के खिलाफ भारत की अब तक की लड़ाई में जो आत्मविश्वास पैदा हुआ है उसे लापरवाही से कमजोर नहीं पड़ने देना है।
प्रधानमंत्री ने वायरस का फैलाव रोकने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जांच का दायरा बढ़ाने, बचाव के उपायों को लागू करने और टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य कदम उठाने को कहा।
उन्होंने कहा कि लोग घबराए नहीं इसका भी ध्यान रखना है । साथ ही समस्या के समाधान का रास्ता भी सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि ‘‘जांच, पता लगाना और उपचार करने’’ के सिद्धांत का अब गंभीरता से पालन करना होगा।
प्रधानमंत्री ने 70 प्रतिशत से अधिक आरटी पीसीआर जांच किए जाने की वकालत करते कहा कि केरल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य एंटीजन जांच पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हैं।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर टीकों की बर्बादी का मुद्दा भी उठाया और अधिक से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए जाने को कहा।
उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस का डंटकर मुकाबला किया है और इस मामले में आज विश्व के देश भारत की नजीर देते हैं। उन्होंने दावा किया कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर 96 प्रतिशत है जबकि इससे होने वाली मौतों की दर विश्व में सबसे कम है।