नई दिल्ली। सेंट्रल बैंक आरबीआई (RBI) देश के बैंकिंग जगत का नियामक है। आरबीआई ग्राहकों के हितों की सुरक्षा करने के लिए विभिन्न बैंकों की कार्यप्रणाली की निगरानी करता है और कोई खामी पाए जाने पर कार्रवाई करता है। अक्सर कई बैंक विभिन्न मामलों को लेकर रिजर्व बैंक की कार्रवाई की जद में आते रहते हैं। ताजा मामले में शिकार बने हैं दो सहकारी बैंक, जिनका लाइसेंस ही रद्द कर दिया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने मंगलवार को दो अलग-अलग बयानों में बताया कि दो सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इनमें कर्नाटक के तुमकुर स्थित श्री शारदा महिला सहकारी बैंक और महाराष्ट्र में सतारा स्थित हरिहरेश्वर बैंक शामिल है। रिजर्व बैंक का कहना है कि दोनों बैंकों के पास परिचालन जारी रखने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं थी। इसके अलावा दोनों बैंकों के लिए अब कमाई की संभावनाएं नहीं बची थी। ऐसे में उनका लाइसेंस रद्द करना जरूरी हो गया था।
आरबीआई ने बताया कि हरिहरेश्वर सहकारी बैंक का कारोबार बंद करने का आदेश 11 जुलाई, 2023 से प्रभावी हो गया है। आपको बता दें कि बैंकों में ग्राहकों के 5 लाख रुपये तक के जमा सुरक्षित होते हैं, क्योंकि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के पास इतनी रकम का बीमा होता है। जिनका जमा 5 लाख रुपये से ज्यादा होता है, उनका इस सीमा से ऊपर का पैसा डूब जाता है।
रिजर्व बैंक के अनुसार, हरिहरेश्वर सहकारी बैंक के 99।96 फीसदी डिपॉजिटर्स को डीआईसीजीसी से उनका कुल पैसा मिल जाएगा। इस बैंक के ग्राहकों को 8 मार्च 2023 तक डीआईसीजीसी से 57।24 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। वहीं श्री शारदा महिला सहकारी बैंक के मामले में करीब 97।82 प्रतिशत डिपॉजिटर्स को डीआईसीजीसी से पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। डीआईसीजीसी 12 जून 2023 तक इस बैंक के ग्राहकों को 15।06 करोड़ रुपये लौटा चुका है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद दोनों बैंकों को बैंकिंग से जुड़ी सभी गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया गया है। ये बैंक अब ग्राहकों से किसी प्रकार का डिपॉजिट नहीं ले सकते हैं। रिजर्व बैंक ने कमिश्नर ऑफ को-ऑपरेटिव एंड रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोयायटीज को भी संबंधित बैंकों का परिचालन बंद करने का आदेश जारी करने के लिए कहा है। इसके साथ ही कमिश्नर को बैंकों के लिए लिक्विडेटर नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है।