कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को राहत


महाराष्ट्र में 20 लाख प्रवासी श्रमिकों ने अपने गृह राज्य लौटने के लिए राज्य सरकार के समक्ष पंजीकरण कराया है। इनमें से अधिकतर बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। यह जानकारी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को दी।



महाराष्ट्र में 20 लाख प्रवासियों ने गृह राज्य लौटने के लिए पंजीकरण कराया: देशमुख

महाराष्ट्र में 20 लाख प्रवासी श्रमिकों ने अपने गृह राज्य लौटने के लिए राज्य सरकार के समक्ष पंजीकरण कराया है। इनमें से अधिकतर बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। यह जानकारी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को दी।

देशमुख ने कहा कि उनके कार्यालय को 20 लाख ऐसे लोगों के आवेदन मिले है जो अपने गृह प्रदेश लौटने को इच्छुक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘गृह विभाग में 20 लाख लोगों ने अपने गृह राज्यों में लौटने के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें से अधिकतर बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

देशमुख ने पत्रकारों से कहा, ‘‘समस्या यह है कि पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्य रेलगाड़ियों को चलाने के लिए जरूरी मंजूरी नहीं दे रहे हैं।’’

झारखंड में केंद्र तथा राज्य सरकार की पहल पर अब तक 1.34 लाख प्रवासी मजदूर, छात्र-छात्राएं और मरीज व उनके परिजन झारखंड लौट चुके हैं. इनमें से 76,664 प्रवासी ट्रेनों के सहारे झारखंड लौटे हैं. जबकि, 47621 लोग बसों से लाये गये हैं. वहीं, करीब 10 हजार लोग निजी संसाधनों से अपने घरों को लौटे हैं.

क्या है अन्य राज्यों का हाल ? 

महाराष्ट्र 

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्रवासी मजदूरों की राज्य में स्थिति पर कहा है कि हमें 700 से 800 और ट्रेनों की मंजूरी चाहिए जिससे प्रवासी मजदूर अपने राज्यों की ओर भेजे जा सकें. हमें ट्रेनें तो मिल रही हैं लेकिन समस्या यह है कि हमें राज्यों की एनओसी का इंतजार करना पड़ रहा है.

हरियाणा 

हरियाणा से आठ लाख श्रमिकों ने अपने-अपने राज्य में जाने के लिए पंजीकरण करवाया है। ऐसे ही करीब डेढ़ लाख लोग हैं, जो हरियाणा वापस आना चाहते हैं। सभी के आवागमन का प्रयास जारी है। रेलवे एनओसी देने के बाद ही गाड़ी चलाने की अनुमति देता है। कुल मिलाकर के पूरी प्रक्रिया आसान नहीं है। हरियाणा सरकार अब तक 1 लाख 60 हजार 300 प्रवासी व खेतिहर मजदूरों को निशुल्क घर पहुंचा चुकी है। इन्हें विभिन्न विशेष श्रमिक ट्रेनों व बसों से सरकार ने अपने खर्च पर गृह राज्यों में भेजा है।

उत्तर प्रदेश  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ बैठक कर लॉकडाउन 4.0 की तैयारी करने के साथ प्रवासी श्रमिक/कामगार को भी लाने की भी बड़ी योजना तैयार की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रवासी श्रमिक तथा कामगारों की सकुशल वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।

बिहार 

विभिन्न राज्यों से 60 हजार प्रवासी मजदूर शनिवार (16 मई) को 60 ट्रेनों से बिहार पहुंचेंगे। शुक्रवार (15 मई) को भी 36 ट्रेनें बिहार पहुंची। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का प्रयास तेज हुआ, जिस कारण इतनी अधिक संख्या में आगमन शुरू हुआ। मकसद है कि जो भी बिहार आना चाहते हैं, उन्हें जल्द बुलाया जा सके। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जितनी देर तक लोग आते रहेंगे, कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका और बढ़ेगी।



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