नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनका स्पष्ट संदर्भ देते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना की। भागवत ने कहा, “इस तरह की असभ्य टिप्पणियों को आम लोग करीब से देख रहे हैं।”
राहुल गांधी अभी अमेरिका में हैं, उन्होंने कैलिफोर्निया में अपने भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है।
उन्होंने भारत में लोकतंत्र की हालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि “भारत में पूरा विपक्ष संघर्ष कर रहा है। सरकार मौजूदा व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए दबाने की कोशिश कर रही है।”
भागवत ने कहा कि ऐसी ताकतें भारत की छवि को खराब करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “हमें ऐसा मौका किसी को नहीं देना चाहिए।”
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस तरह का काम एक व्यक्ति के अहंकार का परिणाम है।”
भागवत यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष के अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (ओटीसी) के समापन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने किसी दल या व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा कि वे आपस में लड़ने में इतने व्यस्त हैं कि वास्तव में देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता की प्रशंसा करते हुए भागवत ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रवाद पर कोई समझौता नहीं हो सकता और उन्होंने भावनात्मक अखंडता का आह्वान किया।
भागवत ने कहा, जिस देश के लोगों ने संतुलन और राष्ट्रवाद की भावना खो दी है, जो कयामत से मिला है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम भारत में उन आक्रमणकारियों द्वारा लाया गया, जिन्होंने कुछ समय के लिए शासन किया और छोड़ दिया, लेकिन जो लोग इस विश्वास का पालन करते हैं, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि सभी भारतीयों के पूर्वज एक ही हैं।