
सबरीमला। सबरीमला में भगवान अय्यप्पा के मंदिर में जाने के लिए चढा़ई के दौरान श्रद्धालुओं में वितरित किए जाने वाले औषधीय जल को अब बोतलों में वितरित किया जाएगा। यह कदम कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
वायरस के मद्देनजर पहाड़ी मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) ने विशेष रूप से तैयार पेयजल को अलग स्टील की बोतलों में वितरित करने की नई व्यवस्था शुरू की है, ताकि बीमारी फैलने का खतरा न हो।
टीडीबी के अधिकारियों के मुताबिक, तीर्थयात्री स्टील की बोतल प्राप्त करने के लिए 200 रुपये जमा कर सकते हैं और आधार शिविर पम्बा के अंजनिया सभागार से औषधीय पेयजल एकत्र कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब दर्शन के बाद स्टील की बोतल काउंटर पर वापस कर दी जाएगी तो 200 रुपये की जमा राशि उन्हें वापस कर दी जाएगी।
हर साल भगवान अयप्पा भक्तों के बीच वितरित किए जाने वाले औषधीय पेयजल को ‘चुक्क’ (सूखे अदरक), ‘रामचम’और ‘पाथिमुखम’ (सपनवुड) जैसे प्राकृतिक पदार्थों को उबालकर तैयार किया जाता है।