मालेगांव ब्लास्ट केस में गुरुवार (31 जुलाई) को बरी हुईं बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की तबीयत शुक्रवार (1 अगस्त) को बिगड़ गई। उन्हें मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच करने वाले महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारियों पर टॉर्चर करने के आरोप लगाती रही हैं। उन्होंने 6 नवंबर 2024 को एक्स पर खराब तबीयत वाली तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने तब मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट में पेशी को लेकर कहा था कि जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी।
भोपाल से पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, ”कांग्रेस का टॉर्चर सिर्फ ATS कस्टडी तक ही नहीं मेरे जीवन भर के लिए मृत्यु दाई कष्ट का कारण हो गए। ब्रेन में सूजन,आंखों से कम दिखना, कानों से कम सुनना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है।”
गुरुवार को ही जब एनआईए की विशेष अदालत का फैसला आया तो प्रज्ञा ठाकुर ने पूछताछ के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे 13 दिनों तक प्रताड़ित किया गया, मेरा जीवन बर्बाद कर दिया गया।
महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास विस्फोट हुआ। दावा किया गया कि एक मोटर साइकिल में विस्फोटक लगाए गए थे। हम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग जख्मी हो गए। इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर समेत सात लोग आरोपी थे। सभी को गुरुवार को एनआईए की विशेष अदालत ने बरी कर दिया।
एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के मामलों की सुनवाई के लिए नियुक्त विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने कहा कि आरोपी व्यक्ति संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। मात्र संदेह वास्तविक सबूत की जगह नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि यह साबित नहीं हुआ है कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल ठाकुर के नाम पर पंजीकृत थी, जैसा कि अभियोजन पक्ष ने दावा किया था।