यूपी में बच्चों समेट गरिबों को खतरनाक केमिकल से किया गया सैनिटाइज़ कोरोना वायरस की मार सबसे अधिक गरिबों पर पड़ रही है चाहे और रोजी-रोजगार की शक्ल में हो या प्रशासन के कड़े नियम कायदे। देश प्रदेश के गरिब कामगारों को परेशानिनों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से आया है जिसमें बाहर से लौटे गरिब मजदूरों को बस अड्डे पर कुछ अधिकारियों ने बसों और दिवारों को साफ करने वाले खतरनाक केमिकल से सेनेटाईज कर दिया गया है। खबरों के अनुसार रविवार को बरेली के सैटेलाइट बस स्टैंड इलाक़े में नगर निगम और फ़ायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने दूसरी जगहों से आए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को एक साथ ज़मीन पर बैठाकर उनको फ़ायर ब्रिगेड की पाइपों से नहलाकर सैनिटाइज़ कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस पानी में सोडियम हाइपोक्लोराइड जैसा केमिकल भी मिला था जिसे ज़मीन अथवा घरों की सफ़ाई की जाती है। आँखों और त्वचा के लिए ख़तरनाक है वीडियो में कुछ कर्मचारी इन लोगों से बैठ जाने और मुंह आगे कर लेने की अपील कर रहे हैं ताकि केमिकल मुंह और आंख में न पड़ने पाए। हालांकि इसके बावजूद कई लोगों पर उनके ठीक सामने से ही पानी की बौछार डाली जा रही है। घटना के बारे में बरेली के चीफ़ फ़ायर ऑफ़िसर चंद्रमोहन शर्मा का कहना है कि इसमें जो केमिकल इस्तेमाल होता है वो आँखों और त्वचा के लिए ख़तरनाक होता है। इसमें शामिल पाए जाएंगे उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी। खबरों के अनुसार बड़ी संख्या में लोग उन्हें नहलाने पर आपत्ति जता रहे थे, लेकिन कर्मचारियों ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें ज़बरन सड़क पर बैठा दिया और पाइप से पानी और केमिकल की बौछार करने लगे। लोग न सिर्फ़ भींग गए बल्कि उनके सारे सामान भी ख़राब हो गए। वहीं वीडियो सामने आने के बाद बरेली के ज़िलाधिकारी ने नीतीश कुमार ने दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों के अनुसार रविवार को बरेली में एक व्यक्ति के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग की टीम और फ़ायर ब्रिगेड की टीम ने मुख्य जगहों पर सैनिटाइज़ेशन की शुरुआत की और उसी क्रम में बरेली के मुख्य बस अड्डे यानी सैटेलाइट चौराहे पर ये शुरुआत की गई। प्रभावितों को किया जा रहा उपचार ज़िलाधिकारी ने ट्वीट करके कहा है कि जिन लोगों को इस तरीक़े से सैनिटाइज़ किया गया है, उनका समुचित इलाज़ कराया जाएगा। लेकिन ये लोग अपने घरों को चले गए हैं और अब प्रशासन के लोग उन्हें ढूंढ़कर उनका इलाज़ कराएंगे, इसकी उम्मीद शायद ही की जा सकती है। बच्चों के आंखों में जलन की शिकायत के बाद भी घर भेज दिया जिन लोगों पर दवा का छिड़काव किया गया उनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
घटना के चश्मदीद कुछ स्थानीय लोगों के मुताबिक, छिड़काव के बाद कई बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की लेकिन उन्हें चुपचाप उनके घर भेज दिया गया। उस वक़्त किसी ने भी उन्हें अस्पताल ले जाने की जहमत नहीं उठाई। जानकारों का कहना है कि सोडियम हाइपोक्लोराइड का इस्तेमाल दीवारों, फर्शों, टॉयलेट इत्यादि की सफ़ाई में इस्तेमाल किया जाता है और शरीर के किसी भी हिस्से के संपर्क में आने पर उसे गंभीर नुक़सान पहुंचा सकता है।