रिजर्व बैंक के नए गवर्नर बने संजय मल्होत्रा, केंद्रीय कैबिनेट ने दी नियुक्ति को मंजूरी


संजय मल्होत्रा ​​11 दिसंबर को मौजूदा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से पदभार ग्रहण करेंगे। मल्होत्रा ने पहले सरकारी कंपनी आरईसी (REC) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया है।


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नई दिल्ली। भारत के रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा की नियुक्ति हुई है। केंद्रीय कैबिनेट ने संजय मल्होत्रा की नियुक्ति को मंजूरी दी है। संजय मल्होत्रा अपनी शानदार नेतृत्व क्षमता और वित्तीय मामलों की गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं। संजय 1990 के IAS बैच के अधिकारी हैं, जो अभी रेवेन्यू सेक्रेटरी हैं। उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए होगी। कल मंगलवार को मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल खत्म हो रहा है।

9 दिसंबर को डीपीओटी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​तीन साल की अवधि के लिए अगले आरबीआई गवर्नर होंगे। संजय मल्होत्रा ​​11 दिसंबर को मौजूदा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से पदभार ग्रहण करेंगे। मल्होत्रा ने पहले सरकारी कंपनी आरईसी (REC) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया है।

उनकी विशेषज्ञता पब्लिक फाइनेंस, एनर्जी रिफॉर्म, और इकॉनमिक एडमिनिस्ट्रेशन तक फैली हुई है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट में उनके नेतृत्व को केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में एक नई भूमिका में कदम रखने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव के रूप में देखा जाएगा।

इससे पहले, मल्होत्रा ​​वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services) में सचिव थे, जहां उन्होंने बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों में प्रमुख सुधारों और नीतिगत निर्णयों को संभाला। उन्होंने विद्युत मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में भी काम किया, जहां वे 3 लाख करोड़ रुपये के पावर डिस्ट्रिब्यूशन रिफॉर्म को लागू करने में शामिल थे।

वह जीएसटी परिषद के पदेन सचिव हैं। टैक्स कलेक्शन में हालिया उछाल को हासिल करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह बजट के लिए टैक्स संबंधी प्रस्तावों पर विचार करेंगे। मल्होत्रा ​​आईआईटी-कानपुर के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, यूएस से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री भी हासिल की है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सांख्यिकीविद् प्रणब सेन ने सीएनबीसी-टीवी18 से कहा कि वह ‘थोड़े हैरान हैं, लेकिन पूरी तरह से नहीं।’ वित्त मंत्रालय के नौकरशाह आरबीआई में रहे हैं, इसलिए मुझे बहुत आश्चर्य नहीं हुआ।

 



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