एसडीजी के तहत युवा गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए UNODC की नई पहल


कोरोना संकट से निपटने के लिए, यूएनओडीसी अपने फ्लैगशिप ‘एजुकेशन फॉर जस्टिस इनिशिएटिव’ के तहत कोविड-19 को लेकर भारत में छात्रों और शिक्षकों के साथ ऑनलाइन संवादों की लॉकडाउन लर्नर्स श्रृंखला की शुरुआत की है और इसका असर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), शांति और कानून व्यवस्था पर पड़ा है। इन संवादों के माध्यम से, छात्रों को कमजोर समूहों और उभरते मुद्दों जैसे साइबर अपराध, गलत सूचना, लिंग आधारित हिंसा, भेदभाव, और भ्रष्टाचार के साथ अन्य लोगों के बीच संवेदनशील बनाना उद्देश्य है।



नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व वैश्विक संकट है, जिसने दुनिया भर में अब तक अरबों लोगों को प्रभावित किया है। इस संकट से जीवन और समाज के हर आयाम प्रभावित हुए हैं। उदाहरण के लिए, शिक्षा के क्षेत्र में, लगभग 165 देशों ने देशव्यापी स्कूल और विश्वविद्यालय बंद किए हैं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने अपनी रिपोर्ट “साझा जिम्मेदारी, वैश्विक एकजुटता, कोविड-19 के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का प्रति उत्तर” में संकेत दिया है। 152 करोड़ से अधिक बच्चे और युवा वर्तमान में स्कूल या विश्वविद्यालय से दूर हैं, जो दुनिया के 87 प्रतिशत नामांकित स्कूल और विश्वविद्यालय के छात्र इसका प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, लगभग 6.2 करोड़ शिक्षक भी लंबे समय से क्लास रूम में नहीं हैं।

यह अभूतपूर्व है-दुनिया ने कभी भी इस तरह एक साथ इतने बच्चों को स्कूल से बाहर नहीं देखा है। इस तरह के लॉकडाउन और स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की शिक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जबकि लड़कों और लड़कियों के शोषण तथा उनके साथ प्रताड़ना का जोखिम पहले से कहीं अधिक हो गया है। इसलिए इस तरह के उभरते मुद्दों, जैसे भेदभाव, लिंग आधारित हिंसा, गलत सूचना और साइबर अपराध आदि को लेकर बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रतिनिधि सर्गेई कपिनोस ने कहा, यूएनओडीसी का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र के ‘ लीविंग नो वन बिहाइंड’ और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के सिद्धांत के अनुरूप शिक्षा के बिना इस संकट को दूर नहीं किया जा सकता है। विशेष रूप से यह मानवाधिकारों, स्वास्थ्य, शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था से संबंधित बच्चों और युवाओं के लिए कोविड-19 के निहितार्थ पर ध्यान केंद्रित करने का एक प्रमुख क्षेत्र है। ”

इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए, यूएनओडीसी अपने फ्लैगशिप ‘एजुकेशन फॉर जस्टिस इनिशिएटिव’ के तहत कोविड-19 को लेकर भारत में छात्रों और शिक्षकों के साथ ऑनलाइन संवादों की लॉकडाउन लर्नर्स श्रृंखला की शुरुआत की है और इसका असर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), शांति और कानून व्यवस्था पर पड़ा है। इन संवादों के माध्यम से, छात्रों को कमजोर समूहों और उभरते मुद्दों जैसे साइबर अपराध, गलत सूचना, लिंग आधारित हिंसा, भेदभाव, और भ्रष्टाचार के साथ अन्य लोगों के बीच संवेदनशील बनाना उद्देश्य है।
‘लॉकडाउन लर्नर्स’ श्रृंखला छात्रों को गतिविधि-आधारित सीखने की सलाह और ज्ञान प्राप्त करने का एक मंच प्रदान करती है, और जागरूकता को बढ़ावा देने तथा इन समस्याओं में से कुछ के हल के लिए अपने विचारों और समाधानों को साझा करने के लिए व अपनी प्रतिभा और कौशल का उपयोग करने को प्रेरित करती है।
यूएनओडीसी के दक्षिण एशिया के संचार अधिकारी समर्थ पाठक का कहना है, “पिछले सप्ताह, नई दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में पार्टनर स्कूलों के साथ शैक्षिक संसाधनों को साझा किया गया है, और सैकड़ों छात्रों और शिक्षकों के बीच बातचीत पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यूएनओडीसी स्कूलों का स्वागत करता है कि लॉकडाउन की इस अवधि के दौरान छात्रों को व्यस्त रहने, सकारात्मक प्रयासों में शामिल होने के लिए, सकारात्मक संदेश के माध्यम से तनाव को कम करने और युवाओं को भविष्य के चैंपियन बनने के लिए सशक्त बना रहे हैं।’
यूएनओडीसी के शैक्षिक उत्पादों को विशेष रूप से उल्लेखनीय बनाने के लिए, बच्चों को सोचने के लिए, सिखाने पर, और उन्हें विशेष तौर पर सशक्तिकरण कौशल बनाने में मदद करने पर जोर है। इन उत्पादों में फ्री-टू-यूज शैक्षणिक सामग्री, कॉमिक्स, बोर्ड और ऑनलाइन गेम, द जॉब्स कार्टून श्रृंखला व अन्य मॉड्यूल और वीडियो शामिल हैं, जिनका उपयोग शिक्षक और छात्र मिलकर शांति और कानून व्यवस्था को समझने के लिए घर पर कर सकते हैं।
यूएनओडीसी का मानना है कि मानवाधिकारों के लिए सम्मान तथा कानून व्यवस्था, प्रमाण-आधारित और संतुलित प्रतिक्रियाओं के साथ युवा केंद्रित रणनीति का मूल तत्व होना चाहिए। इस दिशा में, यूएनओडीसी दोहा डिक्लियरेशन के कार्यान्वयन के लिए वैश्विक कार्यक्रम के तहत-एजुकेशन फाॅर जस्टिस इनिशिएटिव, अपराध को रोकने और प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों के लिए डिजाइन की गई शिक्षा गतिविधियों के माध्यम से कानून की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहता है। ये गतिविधियां शिक्षकों को अगली पीढ़ी को बेहतर तरीके से समझने और समस्याओं को हल करने में मदद करती हैं, जो कानून व्यवस्था को कमजोर कर सकती हैं और छात्रों को अपने समुदायों में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।

यूएनओडीसी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के बारे में

यूएनओडीसी सदस्य देशों को अवैध ड्रग्स और अंतर्राष्ट्रीय अपराध से निपटने के लिए संघर्ष में सहायता करता है। पिछले दो दशकों में, दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका में सरकारों और नागरिक समाज के साथ काम कर रहा है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा, अपराध की रोकथाम, न्याय और स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों पर विशेष रूप से सहायता प्रदान करता है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), मानवाधिकारों और कानून व्यवस्था की प्रतिबद्धता यूएनओडीसी के अधिदेश के मूल में है।
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यूएनओडीसी दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय

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