नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनवरी में पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक मामले की जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने पाया है कि फिरोज़पुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में नाकाम रहे।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को उचित कार्रवाई के लिए केंद्र के पास भेजेगा।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने समिति की रिपोर्ट को पढ़ते हुए कहा, “ फिरोजपुर के एसएसपी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे। पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद और प्रधानमंत्री के मार्ग पर प्रवेश की सूचना दो घंटे पहले देने के बावजूद वह ऐसा करने में विफल रहे।”
इस पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी हैं। पांच जनवरी को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था जिसके बाद वह एक रैली समेत किसी भी कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए थे।