फसल बर्बाद करते देख कर्ज में डूबे दलित किसान ने खाया जहर, बच्चों के रूदन से बिचलित हो गए अधिकारी


दलित राजू ने अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारियों से गुहार लगाते हुए ये तक कहा कि साहब मैं गरीब आदमी हूं, मुझ पर तीन लाख रुपए का कर्जा है, 6 छोटे-छोटे बच्चे हैं, कर्ज को पटाने के लिए मैं बटाई पर जमीन लेकर खेती कर रहा हूं। मुझे खेती कर लेने दीजिए, नहीं तो मेरे परिवार को जहर दे दीजिए।


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
देश Updated On :

गुना। कड़ी मेहनत से खड़ी फसल को अपनी आंखों के सामने सरकारी अधिकारियों जेसीबी से बर्बाद करता देख दलित दंपत्ति ने अधिकारियों के सामने ही जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। 

पुलिस के अनुसार यह मामला मध्य प्रदेश के गुना जिले के कैंट थाने के जगनपुर चक का है जहां पर एक दलित किसान राजू और उसकी पत्नी सावित्रि किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा अतिक्रमित जमीन को बटाई लेकर खेती किए हुए थे। अधिकारियों के अनुसार यह जमीन मॉडल कॉलेज के लिए चयनित की गई है और खाली रहने के दौरान दोनों किसान इसे किसी बटाई लेकर फसल उगाए थे, लेकिन प्रशासन ने बुधवार को इस फसल को जेसीबी से पूरी तरह बर्बाद कर दिया। खबरों के अनुसार अधिकारियों के मौके पर पहुंचने के बाद दोनों दंपत्ति फसल के कट जाने तक का इंतजार की गुहार करते रहे, लेकिन अधिकारियों के एक न सूनने के बाद दोनों कीटनाशक खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। 

माता-पिता के जहर पीकर बेसुध होने के बाद एक मासूम बच्ची मां की छाती पर बैठ गई और जोर जोर से रो उठी। पास ही बेसुध पड़े पिता राजू से भी मासूम बच्चे लिपट गए और रोते रोते पिता को होश में लाने का प्रयास करने लगे। प्रशासन के गुहार न सुनने से दुखी राजू ने अपने मासूम बच्चों को भी जहर पिलाने की कोशिश की हालांकि राजू बच्चों को जहर पिला पाता इससे पहले ही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक दिया। पुलिस राजू को पकड़ने का प्रयास कर रही थी इसी दौरान उसने दौड़ लगा दी और खुद भी कीटनाशक पी लिया। जिससे वो भी बेहोश हो गया। ये सब देख अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए।

माता-पिता के जहर खाकर गिरने के बाद मासूम बच्चे बिलख-बिलख कर रो पड़े। इस मंजर को देखकर सभी अधिकारी भी विचलित हो उठे। हालांकि फिर भी अधिकारियों को इन बच्चों और परिवार से दूसरे सदस्यों पर दया नहीं आई और कीटनाशक पीने के बाद बेहोश होने और बच्चों को बिलखते देख राजू का छोटा भाई अपना आपा खो बैठा और सावित्री को बेहोशी की हालत में टांग कर ले जा रहे पुलिसकर्मियों को राजू के छोटे भाई ने धक्का दे दिया जिससे पुलिसकर्मी इतना भड़क गए कि उसकी जमकर पिटाई कर दी जिससे वह बेहोश हो गया।  

राजू और सावित्रि की इस हरकत से वहां मौजूद अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए और अधिकारियों ने तुरंत एंबुलेंस को सूचना दी और फिर बेहोशी की हालत में ही राजू और उसकी पत्नी सावित्री को टांगकर पुलिसकर्मी वाहन तक ले गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

बता दें कि जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना था वो मॉडल कॉलेज के लिए चयनित है। अतिक्रमण की हुई जमीन को दलित परिवार राजू और उसकी पत्नी सावित्री ने बटाई पर लिया है और खेत में झोपड़ी बनाकर अपने छोटे छोटे 6 बच्चों के साथ रहते हैं। प्रशासन की टीम जैसे ही कार्रवाई करने के लिए पहुंची तो पहले तो राजू और पत्नी सावित्री ने अधिकारियों के हाथ-पैर जोड़े, लेकिन जब अधिकारी नहीं माने और खड़ी फसल पर जेसीबी चलवाने लगे तो दोनों भागकर झोपड़ी में पहुंचे और वहां रखी कीटनाशक पी ली।

दलित राजू ने अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारियों से गुहार लगाते हुए ये तक कहा कि साहब मैं गरीब आदमी हूं, मुझ पर तीन लाख रुपए का कर्जा है, 6 छोटे-छोटे बच्चे हैं, कर्ज को पटाने के लिए मैं बटाई पर जमीन लेकर खेती कर रहा हूं। मुझे खेती कर लेने दीजिए, नहीं तो मेरे परिवार को जहर दे दीजिए। लेकिन अधिकारियों ने दलित की एक नहीं सूनी जिसके बाद इस दलित किसान अपने और बच्चों की हत्या की कोशिश करने के लिए मजबूर हो गया।

दलित राजू ने अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारियों से गुहार लगाते हुए ये तक कहा कि साहब मैं गरीब आदमी हूं, मुझ पर तीन लाख रुपए का कर्जा है, 6 छोटे-छोटे बच्चे हैं, कर्ज को पटाने के लिए मैं बटाई पर जमीन लेकर खेती कर रहा हूं। मुझे खेती कर लेने दीजिए, नहीं तो मेरे परिवार को जहर दे दीजिए। वहीं इस पूरे मामले पर एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर इसे शिवराज के अहंकार का बेशर्म प्रदर्शन करार दिया है।