वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में जमानत रद्द करने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सक्सेना से मांगा जवाब

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने ईडी की याचिका पर सक्सेना को नोटिस जारी किया। याचिका में इस आधार पर उनके सरकारी गवाह बनने को खारिज करने की मांग की गई कि अपराध से जुड़े सभी तथ्यों को उन्हें उजागर करना था लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर जवाब मांगा। निदेशालय ने 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सक्सेना को दी गई जमानत को चुनौती दी है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने ईडी की याचिका पर सक्सेना को नोटिस जारी किया। याचिका में इस आधार पर उनके सरकारी गवाह बनने को खारिज करने की मांग की गई कि अपराध से जुड़े सभी तथ्यों को उन्हें उजागर करना था लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख तीन जून तय की। जांच एजेंसी ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उनकी जमानत और सरकारी गवाह के दर्जे को खारिज करने से इंकार कर दिया। दुबई में रहने वाले व्यवसायी को अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर 3600 करोड़ रुपये में खरीदने से जुड़े घोटाला मामले में पिछले वर्ष 31 जनवरी को प्रत्यर्पित किया गया था।
ईडी ने निचली अदालत में दायर याचिका में कहा था कि माफी की मांग करते हुए सक्सेना ने कहा कि उन्हें जो जानकारी है वे सभी तथ्यों का खुलासा कर देंगे। पिछले वर्ष मार्च में उनके बयान दर्ज किए गए, जिसके बाद उन्हें माफी दे दी गई। निचली अदालत ने सक्सेना को सरकारी गवाह बनने की मंजूरी दे दी, बशर्ते वह अपनी जानकारी के मुताबिक पूरी परिस्थितियों का पूरा एवं सच्चा खुलासा करें।

First Published on: May 18, 2020 6:06 PM
Exit mobile version