नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज होता नजर आ रहा है। गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद कुछ किसान संगठनों ने खुद को इस आंदोलन से अलग कर लिया था, लेकिन दोबारा किसान दिल्ली की सीमाओं पर जुटने लगे हैं।
इस बीच एक घटना ने सभी को चौंका दिया जब किसान आंदोलन को कवर कर रहे फ्रीलांसर मंदीप पुनिया को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है। पुनिया को पुलिस हिरासत में लिए जाने का कई किसान संगठनों ने विरोध किया है। ट्विटर पर भी ये वीडियो ट्रेंड कर रहा है।
राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पत्रकार सच्चाई दिखा रहे हैं उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया ‘ जो सच से डरते हैं वे सच्चे पत्रकारों को गिरफ्तार करते हैं’।
जो सच से डरते हैं, वे सच्चे पत्रकारों को गिरफ़्तार करते हैं। pic.twitter.com/JIGkUUji92
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 31, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन पर मुकदमें किए जा रहे हैं। कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया है। भाजपा सरकार किसानों की आवाज को कुचलना चाहती है लेकिन वे भूल गए हैं कि जितना दबाओगे उससे ज्यादा आवाजें आपके अत्याचार के खिलाफ उठेंगी।
किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनपर मुकदमें किए जा रहे हैं। कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया है। भाजपा सरकार किसानों की आवाज को कुचलना चाहती है लेकिन वे भूल गए हैं कि जितना दबाओगे उससे ज्यादा आवाजें आपके अत्याचार के खिलाफ उठेंगी। #ReleaseMandeepPunia
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 31, 2021
पूनिया को हिरासत में लिए जाने के बाद कई किसान नेताओं ने भी उनकी रिहाई की आवाज उठाई। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने भी उनकी रिहाई के संबंध में ट्वीट किया। वहीं ट्विटर पर किसान एकता मोर्चा ने पुनिया को लाठी के बल पर हिरासत में लिए जाने का वीडियो शेयर किया है।
#MandeepPunia exposed the nexus of police & BJP workers. He identified many BJP workers among the stone pelting goons. He also explained the hackjobs of some media outlets. This is why he is detained. Let that sink in. #ReleaseMandeepPunia pic.twitter.com/9lDrl6a9SP
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 30, 2021
ट्विटर पर पुलिस की इस कार्रवाई की जमकर आलोचना की जा रही है, साथ ही लोग दिल्ली पुलिस पर आरोप भी लगा रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया ने बीजेपी और दिल्ली पुलिस के गठजोड़ को बेनकाब किया है जिसके बाद फ्रीलांसर को लाठी के बल पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने उन पर सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के एसएचओ से अभद्रता करने के आरोप लगाए हैं। मनदीप पूनिया दो मीडिया संस्थानों के लिए फ्रीलांस काम करते हैं। पुलिस के अनुसार जब मनदीप पूनिया बंद सड़क और बैरिकेड की ओर बढ़ रहे थे तब यह घटना हुई थी। बताया जाता है कि मंदीप ने एक वीडियो फेसबुक पर लाइव शेयर किया था।
इस घटना का एक कथित वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मदीप पूनिया को लाठी के बल पर जबरन ले जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि धर्मेंद्र सिंह नाम के एक अन्य पत्रकार को भी कुछ समय के लिए पकड़ा गया था, लेकिन उन्होंने अपना प्रेस आईडी कार्ड दिखाया तो उन्हें जाने दिया गया।
#MandeepPunia exposed #DelhiPolice by his @Facebook Live – How it was hand in glove with the goons, who attacked the farmers at #SinghuBorder.
Link of Facebook live – https://t.co/KRw6RXBW5R
2/n pic.twitter.com/mm6kQEGQ0b
— Dr Vineet Punia (@VineetPunia) January 30, 2021
हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पत्रकार पूनिया ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शेयर किया था। इसमें उन्होंने जानकारी दी थी कि कैसे खुद को स्थानीय लोग होने का दावा करने वाली भीड़ ने आंदोलनस्थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अफसर का कहना है कि पूनिया आंदोलनकारियों के साथ खड़े थे। उनके पास प्रेस आईडी कार्ड नहीं था। वह बैरिकेड के दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। ये बैरिकेड इलाके को सुरक्षित रखने के लिए लगाए गए थे। इस बीच पुलिसकर्मी और उनके बीच में विवाद हुआ। इस दौरान उन्होंने अभद्रता की. इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।