नई दिल्ली। कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में किये गए फैसलों के क्रियान्वयन के लिए मंगलवार को आठ सदस्यीय “कार्य बल-2024” का गठन किया, जिसमें पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है।
साथ ही, आठ सदस्यीय राजनीतिक मामलों का एक समूह गठित किया गया, जिसकी अगुवाई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। कांग्रेस की दो अक्टूबर से प्रस्तावित “भारत जोड़ो यात्रा” के समन्वय के लिए केंद्रीय योजना समूह का भी गठन किया गया है।
पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने इन महत्वपूर्ण समूहों का गठन किया।
‘‘कार्य बल-2024’’ में पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, प्रियंका गांधी वाद्रा, के. सी. वेणुगोपाल, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और चुनाव रणनीतिकार सुनील कानगोलू शामिल हैं।
कांग्रेस का कहना है कि कार्यबल में शामिल हर नेता को संगठन, संचार एवं मीडिया, संपर्क, वित्त और चुनाव प्रबंधन से संबंधित विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी। इनके साथ एक-एक टीम भी काम करेगी जिन्हें जल्द की अधिसूचित किया जाएगा।
पार्टी ने कहा कि यह कार्यबल ‘उदयपुर नवसंकल्प’ की घोषणाओं और चिंतन शिविर के लिए गठित छह समन्वय समूह की रिपोर्ट पर आगे कदम बढ़ाएगा।
राजनीतिक मामलों के समूह में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस के “जी 23” के दो अहम सदस्यों, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को जगह मिली है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, वेणुगोपाल और जितेंद्र सिंह को इस समूह में शामिल किया गया है।
केंद्रीय योजना समूह में दिग्विजय सिंह, सचिन पायलट, शशि थरूर, रवनीत सिंह बिट्टू, के.जे. जॉर्ज, ज्योति मणि, प्रद्युत बारदलोई, जीतू पटवारी और सलीम अहमद को जगह दी गई है।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समन्वय के लिए बने इस समूह में शामिल कई नेता कांग्रेस के भविष्य के तौर पर देखे जा रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि कार्यबल का हर सदस्य और कांग्रेस के ‘फ्रंटल’ संगठनों- युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस एवं सेवा दल के प्रमुख इस समूह में शामिल होंगे।
उदयपुर में 13-15 मई के चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस ने ‘उदयपुर नवसंकल्प’ जारी किया था। इसमें कांग्रेस संगठन में कई बड़े सुधार करने की घोषणा की गई थी जिसमें ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सबसे प्रमुख है, हालांकि इसके साथ यह शर्त भी रखी गई है कि परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम पांच साल तक काम किया हो।
पार्टी ने संगठन में हर स्तर पर 50 साल से कम आयु के लोगों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व देने तथा राज्य स्तर पर राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) बनाने का भी निर्णय लिया था।
कांग्रेस ने ‘पब्लिक इनसाइट विभाग’, ‘राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान’ और ‘चुनाव प्रबंधन विभाग’ का गठन करने का निर्णय लिया था।
कांग्रेस ने सुधारों के क्रियान्वयन के लिए कार्यबल गठित करने और सलाहकार समूह बनाने का भी फैसला किया था।