भोपाल। लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे मध्य प्रदेश के 300 से अधिक मजदूरों को लेकर एक विशेष ट्रेन शनिवार सुबह नासिक से यहां पहुंची है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि नासिक से बृहस्पतिवार रात को चली यह विशेष ट्रेन शनिवार सुबह भोपाल के बाहरी क्षेत्र में स्थित मिसरोद रेलवे स्टेशन पर पहुंची है। नासिक से यहां लाए गए इन यात्रियों की जांच शुरू कर दी गई है। इसके बाद इन्हें अलग-अलग बसों में इनके शहरों व कस्बों में भेजा जायेगा।
लॉकडाउन लागू होने के बाद यह पहली विशेष ट्रेन है जो मध्य प्रदेश के लोगों को लेकर यहां पहुंची है। अधिकारी ने बताया कि इस विशेष ट्रेन से कुल 315 श्रमिकों को महाराष्ट्र से लाया गया है। ये मध्य प्रदेश के देवास, इन्दौर, झाबुआ, पन्ना सहित विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। इन श्रमिकों को अब 15 बसों के द्वारा भोपाल से इनके जिलों में भेजा जायेगा।
शुक्रवार रात भोपाल रेल मंडल (पश्चिम मध्य रेलवे) के डिवीजनल रेलवे मैनेजर उदय बोरवणकर ने बताया था कि यह नॉन-स्टॉप विशेष ट्रेन नासिक रेलवे स्टेशन से शुक्रवार रात करीब नौ बजे रवाना होगी और शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे यह भोपाल रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रदेश के एक लाख से अधिक मजदूरों को ट्रेन के माध्यम से मध्य प्रदेश वापस लाया जाएगा।
चौहान ने कहा है कि विभिन्न प्रदेशों से मध्य प्रदेश के लगभग 40,000 मजदूरों को बसों के द्वारा सुगमतापूर्वक प्रदेश लाया जा चुका है। कुछ मजदूर मार्ग में हैं तथा अब शेष बचे एक लाख से अधिक मजदूरों को ट्रेन के माध्यम से मध्य प्रदेश वापस लाया जाएगा।’ चौहान ने बताया कि इसके लिए रेल मंत्री से बात हो चुकी है तथा यह कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने अपर मुख्य सचिव आई.सी.पी. केशरी को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में रेल मंत्रालय को शनिवार तक पूरी जानकारी दे दी जाए कि हमारे कितने मजदूर किन प्रदेशों में फंसे हुए, वे किस स्थान से ट्रेन में चढ़ेंगे तथा मध्य प्रदेश में किस स्थान पर उतरेंगे। मजदूर सुगमतापूर्वक मध्य प्रदेश आ जाएं, उनका आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण एवं भोजन आदि की व्यवस्था हो जाए, इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश है।
अपर मुख्य सचिव केशरी ने बताया कि वर्तमान में हमारे एक लाख से अधिक मजदूर विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं। वर्तमान में हमारे 50,000 मजदूर महाराष्ट्र में, 30,000 गुजरात में, 8000 मजदूर तमिलनाडु में, 5000 मजदूर कर्नाटक में, 10,000 मजदूर आंध्र प्रदेश में तथा 3,000 मजदूर गोवा में फंसे हुए हैं।