92 प्रतिशत कर्मचारियों को अप्रैल का ‘आंशिक’ वेतन ही देगी स्पाइसजेट


लॉकडाउन की वजह से देश का विमानन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की है। गोएयर ने अपने अधिकांश कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर भेज दिया है।



नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते स्पाइसजेट अपने करीब 92 प्रतिशत कर्मचारियों को अप्रैल महीने में आंशिक वेतन का ही भुगतान कर सकेगी। बजट एयरलाइन ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि कंपनी पिछले एक महीने से अधिक से उड़ानों का परिचालन नहीं कर पा रही है। ऐसे में उसकी आमदनी का प्राथमिक स्रोत सूख रहा है। एयरलाइन ने कहा कि वह कर्मचारियों को अप्रैल माह का आंशिक वेतन ही देगी। हालांकि, किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा।

स्पाइसजेट ने बयान में कहा, ‘‘पूर्ण बंद की स्थिति में कर्मचारियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुये एक उचित उपाय किया गया जिसमें कंपनी ने इसकी रूपरेखा तय की है। इसके तहत कर्मचारियों के काम के घंटों के हिसाब से उन्हें भुगतान किया जाएगा। इसके लिए एक निश्चित सीमा तय की गई है।’’ एयरलाइन ने बुधवार को अपने पायलटों से कहा था कि उन्हें अप्रैल और मई का वेतन नहीं दिया जाएगा। वहीं कार्गो उड़ानों का परिचालन करने वाले पायलटों को उड़ान के घंटों के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

स्पाइसजेट ने मार्च में अपने वरिष्ठ और मध्यम स्तर के कर्मचारियों के वेतन में 10 से 30 प्रतिशत की कटौती की थी। कोविड-19 की वजह से भारत में 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है। इस दौरान सभी वाणिज्यिक उड़ानें बंद हैं। हालांकि, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कार्गो उड़ानों, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य जरूरतों से संबंधित उड़ानों तथा विशेष उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी है।

लॉकडाउन की वजह से देश का विमानन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की है। गोएयर ने अपने अधिकांश कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर भेज दिया है।

एयरएशिया ने अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 20 प्रतिशत की कटौती की है। विस्तार ने अप्रैल में अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को छह दिन के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजा है। हालांकि, इंडिगो ने पिछले सप्ताह अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में कटौती की घोषणा को वापस लेने का फैसला किया।