रैगिंग से परेशान स्टूडेंट ने कर ली थी सुसाइड, चार छात्राओं को पांच साल की सजा

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक निजी कॉलेज में रैगिंग से तंग आकर एक छात्रा के खुदकुशी करने के मामले में अदालत ने चार छात्राओं को पांच साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। यह संभवत: राज्य में रैगिंग के मामले में ऐसा पहला फैसला है।

निजी कॉलेज की छात्रा अनीता शर्मा की कॉलेज परिसर के बाहर रैंगिंग करके उसे खुदकुशी के लिए मजबूर करने वाली चार छात्राओं देवांशी शर्मा, कृति गौर, दीप्ति सोलंकी एवं निधि मगरे को अपर सत्र न्यायाधीश अमित रंजन ने IPC की सम्बंधित धाराओं में दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद और प्रत्येक पर 8 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इस मामले में अदालत ने सबूतों के अभाव में एक शिक्षक को आरोपों से बरी कर दिया।

न्यायाधीश ने इस मामले में अपने आदेश में लिखा, ‘‘वर्तमान समय में बहुत से होनहार बच्चे भविष्य के उज्ज्वल सपने लेकर विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल में पढ़ने आते हैं लेकिन रैगिंग की प्रताड़ना के परिणामस्वरूप अपना जीवन समाप्त कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ-साथ उनके परिजनों के सपने भी खत्म हो जाते हैं।’’

अभियोजन पक्ष ने बताया कि पीड़ित छात्रा और दोषी छात्राएं भोपाल के एक निजी कॉलेज में साथ में पढ़ती थीं। अभियोजन पक्ष के अनुसार चारों छात्राएं अनीता को रैगिंग के नाम पर आए दिन शारीरिक और मानसिक यातनाएं देती थीं। इससे तंग आकर अनीता ने उन छात्राओं के खिलाफ सुसाइड नोट लिखकर भोपाल के पीएनटी चौराहे स्थित अपने घर के कमरे में साड़ी से फंदा लगाकर छह अगस्त 2013 को आत्महत्या कर ली थी।

पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर चारों छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने विवेचना बाद चालान अदालत में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को अदालत के फैसले के बाद चारों दोषी छात्राओं को भोपाल के सेंट्रल जेल भेज दिया गया।