डीयू के छात्रावास कमरों को खाली करने के आदेश का छात्राओं ने किया विरोध


दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एक छात्रावास में रहने वाली करीब 170 छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कमरे खाली करने के आदेश के विरोध में बृहस्पतिवार को कला संकाय में एकत्र होकर प्रदर्शन किया।


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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एक छात्रावास में रहने वाली करीब 170 छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कमरे खाली करने के आदेश के विरोध में बृहस्पतिवार को कला संकाय में एकत्र होकर प्रदर्शन किया।

छात्राओं का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें ऐसे समय में कमरे खाली करने का आदेश दिया है जब उनकी परीक्षाएं चल रही हैं।

डीयू के राजीव गांधी छात्रावास (आरजीएचजी) में रहने वाली छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें छात्रावास प्रशासन से 22 अगस्त को एक नोटिस मिला, जिसमें उन्हें परीक्षा के बाद कमरा खाली करने के लिए कहा गया है।

छात्राओं के मुताबिक 31 अगस्त को एक और नोटिस जारी किया गया, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि परीक्षा के बाद अधिक समय तक रहने पर प्रत्येक दिन के हिसाब से उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

आरजीएचजी दिल्ली विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा छात्रावास है और यह 2012 से ही चालू है। इसमें स्नातकोत्तर और शोध छात्राएं रहती हैं।

अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के कार्यकर्ता छात्राओं के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

इस संबंध में कला संकाय के गेट नंबर चार पर एक जनसभा आयोजित की गई, जहां छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने अपनी समस्याओं और संघर्षों के बारे में विस्तार से बात की।

छात्रावास में रहने वाली डीयू की एक छात्रा काजल ने उन परिस्थितियों के बारे में बताया जिनके तहत वे विरोध कर रही हैं और कैसे वे राजीव गांधी छात्रावास प्रशासन के साथ-साथ छात्रावास के प्रोवोस्ट द्वारा लगातार उत्पीड़न और नैतिक पुलिसिंग की शिकार हो रही हैं।

छात्रावास की प्रोवोस्ट पूनम सिलोटिया ने इस संबंध में पीटीआई-भाषा के कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया।