दिल्ली/लेह। महीनों से जारी भारत-चीन तनाव के बीच जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। साथ में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का काफिला भी है। पीएम मोदी ने सीमा पर अग्रिम मोर्चे नीमू का जायजा लिया।
लेह पहुंचकर पीएम मोदी ने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। इस दौरे पर जवानों ने पीएम को जोरदार स्वागत किया और भारत माता की जय और बंदे मातरम् के नारे लगाए। बता दें कि नीमू लेह का सबसे दुर्गम इलाका है और यह समुद्र तल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये जगह जांस्कर रेंज से घिरी हुई है।
सीडीएस जनरल रावत भी आज चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ अपनी तीनों सेनाओं की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पूर्वी लद्दाख में ही हैं। इस दौरान वे सीमा पर तनाव कम करने की प्रक्रियाओं के बारे में भी वह जानकारी लेंगे। जनरल रावत सेना प्रमुख के तौर पर चीनी सेना के समक्ष खड़े रहे चुके हैं। वर्ष 2017 में दोकलम में 73 दिनों तक भारतीय सेना चीनी सेना के समक्ष डटी रही थी।
बता दें कि इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौरा करने वाले थे, लेकिन अज्ञात कारणों से यह दौरा गुरुवार को स्थगित हो गया था। वे शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ लद्दाख जाने वाले थे। लद्दाख में रक्षा मंत्री को चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना था। अब उनके कार्यक्रम को दोबारा तैयार किया जा रहा है।
अगर रक्षा मंत्री शुक्रवार को लद्दाख जाते तो भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के दौरान उनका पहला लद्दाख दौरा होता। उनके साथ थलसेनाध्यक्ष नरवणे भी जाने वाले थे। बता दें कि नरवणे कुछ दिन पहले ही लद्दाख दौरे से लौटे हैं। माना जा रहा था कि राजनाथ सिंह के दौरे का मकसद सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था।
इससे पहले सेना प्रमुख ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था। जनरल नरवणे ने जवानों को सम्मानित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर रक्षा मंत्री को हालात की जानकारी दी थी। वहीं वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है और इसी कड़ी में मंगलवार को चुशुल सेक्टर में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी।
बता दें कि पिछले एक महीने से सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव को कम करने पर बातचीत जारी है। 15 और 16 जून को गलवां घाटी में चीनी सेना ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिन्हें भारतीय सेना ने रोका था। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद होने और 43 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबरें हैं।
बता दें कि इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौरा करने वाले थे, लेकिन अज्ञात कारणों से यह दौरा गुरुवार को स्थगित हो गया था। वे शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ लद्दाख जाने वाले थे। लद्दाख में रक्षा मंत्री को चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना था। अब उनके कार्यक्रम को दोबारा तैयार किया जा रहा है।
Bharat Mata Ki Jai! 🇮🇳
With high 'josh', troops at #Ladakh greet PM @narendramodi as he pays them a surprise visit@SpokespersonMoD @adgpi @DefenceMinIndia @ITBP_official @IAF_MCC pic.twitter.com/DJrDiMKqo2— DD News (@DDNewslive) July 3, 2020