केजरीवाल सरकार पर बिजली घोटाले का आरोप लगाकर सुधांशु त्रिवेदी ने पूछे सवाल


शराब घोटाले के बाद अब विद्युत वितरण कंपनियों की प्रक्रिया में गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा हमला बोला है।


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नई दिल्ली। शराब घोटाले के बाद अब विद्युत वितरण कंपनियों की प्रक्रिया में गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा हमला बोला है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वयंभू कट्टर ईमानदार छवि वाले अरविंद केजरीवाल के ऊपर आज बिजली गिरी है और वो अब संपत्ति के प्रतीक बनते जा रहे हैं। आप सरकार पर सीधे-सीधे अपने नेताओं को फायदे पहुंचाने और हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि डिस्कॉम – विद्युत कंपनियों के बोर्ड में सरकारी अधिकारी नामित होते थे लेकिन पहली बार आम आदमी पार्टी ने अपनी पार्टी के दो पदाधिकारियों और अपने सांसद के एक बेटे को नामित किया। इसके पीछे आप सरकार का क्या उद्देश्य था?

उन्होंने कहा कि दिल्ली में विद्युत वितरण कंपनियों की प्रक्रिया में गंभीर भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आए हैं। इसमें चार से पांच तथ्य तो ऐसे हैं जिसे जानने के बाद कोई भी व्यक्ति कह सकता है कि इसमें व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। विद्युत वितरण प्राइवेट कंपनियों पर विद्युत उत्पादन कंपनियों की 32 सौ करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी को केजरीवाल सरकार ने प्रारंभिक बैठकों में ही क्यों माफ कर दिया ?

भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि दिल्ली के लोगों को बिजली में जो छूट देने की बात कही गई, वो ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ क्यों नहीं दी गई? दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की तरह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा यह लाभ जनता को सीधे क्यों नही दिया ? इस प्रक्रिया में बिचौलियों को क्यों लाया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि सब्सिडी का मकसद जनता को नहीं अपने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली की जनता को बिजली सब्सिडी देने के खिलाफ नहीं है बस यह चाहती है कि इस सब्सिडी को पारदर्शी तरीके से डीबीटी के माध्यम से सीधे दिल्ली की जनता को दिया जाए।

केजरीवाल सरकार की नीति पर सवाल खड़ा करते हुए हुए त्रिवेदी ने पूछा कि लेट फीस के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को 18 प्रतिशत वसूल करने का अधिकार दिया गया। लेकिन वही कंपनियां लेट फी के लिए दिल्ली सरकार को केवल 12 प्रतिशत ही क्यों दे रही थी ? ये 6 प्रतिशत का मुनाफा कहां जा रहा था ? उन्होंने कहा कि इसके जरिए पिछले कुछ वर्षों में कुल मिलाकर आठ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा हुआ, आखिर ये पैसा कहां गया और किसने इसका इस्तेमाल किया और कैसे किया ?

वहीं दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार जो भी काम करती है उसमें उनका मकसद सिर्फ भ्रष्टाचार करना ही होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं से हर साल बिजली कंपनियां सरकार के साथ मिलीभगत कर 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि ज्यादा वसूल रही हैं ।