
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र द्वारा अपील दायर करने में देरी करने पर कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों को सुव्यवस्थित रखने के लिए शीर्ष न्यायालय के आदेशों में दी गई सलाह अनसुनी की जा रही प्रतीत हो रही है, जबकि इस तरह के कई मामलों में जुर्माना भी लगाया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मूल आदेश पारित करने के बाद अपील दायर करने में 6,616 दिनों की देरी होने का जिक्र करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा, केंद्र सरकार ने जिस तरह से विशेष अनुमति याचिका हमारे समक्ष दायर की है, उससे लगता है कि उसने पूर्व के सभी परामर्श को कूड़ेदान में फेंक दिया है।
न्यायमूर्ति एसके कौल, न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी एवं न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीछ ने कहा, हम लगातार अपने आदेश के जरिये सरकार के विभिन्न विभागों, राज्य सरकारों और अन्य सार्वजनिक प्राधिकारों को परामर्श दे रहे हैं कि वे समय पर अपील दायर करना अवश्य सीखें तथा जहां तक विधि विभाग की बात है, उसे सुव्यवस्थित करें। इसके लिए प्रौद्योगिकी की सहायता उपलब्ध है।