उच्चतम न्यायालय ने कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप से उत्पन्न दहशत और लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में कामगारों के शहरों से अपने पैतृक गांवों की ओर पलायन की स्थिति से निबटने के उपायों पर सोमवार को केन्द्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि दहशत और भय की वजह से बहुत संख्या में कामगारों का पलायन कोरोनावायरस से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या बन रहा है।
केंद्र की कार्रवाई के बीच में नहीं आना चाहते
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस स्थिति से निबटने के लिये सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बीच कोई निर्देश देकर भ्रम पैदा नहीं करना चाहती। पीठ ने कामगारों के पलायन से उत्पन्न स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव और रश्मि बंसल से कहा कि इस मामले में वह केन्द्र की स्थिति रिपोर्ट का इंतजार करेगी।
केन्द्र और राज्य सरकारों ने स्थिति से निबटने के लिये उठाये आवश्यक कदम
केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये इन कामगारों के पलायन को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और संबंधित राज्य सरकारों ने इस स्थिति से निबटने के लिये आवश्यक कदम उठाये हैं।
पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इन याचिकाओं को मंगलवार के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
1,0712 पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, 29 लोगों को मिली मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब भी 942 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि 99 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। मंत्रालय के सुबह साढ़े 10 बजे के अद्यतन डेटा में बताया गया कि महाराष्ट्र में बीमारी से मौत के दो नये मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से अब तक सबसे ज्यादा आठ मौत हुई है। इसके बाद गुजरात में पांच, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश में दो, दिल्ली में दो और जम्मू-कश्मीर में दो मौत हुई है। केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। संक्रमण के कुल मामलों (1,071) में 49 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
