कृषि कानून और किसानों के आन्दोलन पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनायेगा आदेश


पीठ ने सोमवार को तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी।


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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आन्दोलन के परिप्रेक्ष्य में नये कृषि कानूनों और किसानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर मंगलवार को अपना आदेश सुनायेगा। संभव है कि न्यायालय इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दे।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है। इस संबंध में बाद में न्यायालय की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है।

इस सूचना में कहा गया है, ‘‘इन मामलों को कल 12 जनवरी को आदेश के लिये सूचीबद्ध किया जाये।’’

पीठ ने सोमवार को तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी।

न्यायालय ने किसानों के साथ बातचीत का अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया था और सारी स्थिति पर घोर निराशा व्यक्त की थी।

इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी संकेत दिया था कि वह किसी पूर्व प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर सकता है जिसमें देश की सभी किसान यूनियनों के प्र्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है।

न्यायालय ने इस गतिरोध का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्र सरकार को और समय देने से इंकार करते हुये कहा था कि पहले ही उसे काफी वक्त दिया जा चुका है।