पटना। दिल्ली में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को राहत देने के मद्देनजर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि उन्होंने अपनी जमानत रद्द होने से रोकने के लिए अदालत में माफी मांगी।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “तेजस्वी यादव विशेष सीबीआई अदालत द्वारा सीबीआई अधिकारियों को उनकी धमकी के खिलाफ कड़ा संज्ञान लेने के बाद बैकफुट पर हैं। उन्होंने राहत पाने के लिए अदालत से माफी मांगी। वह अदालत में अपने बयान पर दृढ़ क्यों नहीं थे?”
सीबीआई अदालत ने तेजस्वी यादव पर लगाए गए आरोपों को उनकी जमानत रद्द करने के लिए पर्याप्त नहीं माना, लेकिन उनसे कहा कि सार्वजनिक बयान देते समय अपने शब्दों को चुनने में सावधानी बरतें।
इस बीच, तेजस्वी यादव के वकील ने कहा कि अगर उन्होंने सीबीआई अधिकारियों को धमकी दी थी, तो एजेंसी ने उनके खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की।
तेजस्वी यादव इस समय आईआरसीटीसी घोटाले में जमानत पर हैं और सीबीआई ने सितंबर में उनकी जमानत रद्द करने के लिए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने उन नियमों और शर्तो का उल्लंघन किया है, जिन पर अदालत ने जमानत दी थी।
सीबीआई ने अदालत में अपनी शिकायत में कहा कि तेजस्वी यादव और उनके परिवार के सदस्य सीबीआई अधिकारियों को जांच को प्रभावित करने की धमकी देने में शामिल थे।
इसके बाद, अदालत ने तेजस्वी यादव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था।
तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, राबड़ी देवी और अन्य आईआरसीटीसी घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे थे। सीबीआई ने तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी और अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर 2018 को जमानत दे दी थी।