पटना। बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने शनिवार को कहा कि विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को अपने नेता तेजस्वी यादव द्वारा‘‘ जाति तोड़कर विवाह करने के बाद’’ जाति के आधार पर जनगणना कराने की मांग छोड़ देनी चाहिए।
चौधरी राज्य की नीतीश कुमार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बल्कि तेजस्वी यादव से पूछा जाना चाहिए कि वह किस समुदाय से संबंध रखते हैं- अपने माता-पिता के या पत्नी के।’’
बिहार सरकार के मंत्री ने यह टिप्पणी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की हाल में उनकी बचपन की साथी रशेल आइरिस के साथ हुई शादी का संदर्भ देते हुए की। रशेल ने विवाह के बाद अपना नाम राजश्री रख लिया है।
चौधरी ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे जाति के आधार पर जनगणना को लेकर उनकी पार्टी और मुख्यमंत्री कुमार की पार्टी जदयू के बीच मतभेद को लेकर सवाल किया गया।
उल्लेखनीय है कि राज्य विधानमंडल ने जाति के आधार पर जनगणना की मांग को लेकर दो बार प्रस्ताव पारित किया है जिसका भाजपा के सदस्यों ने भी समर्थन किया था लेकिन पार्टी, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इनकार के बाद असहज स्थिति की सामना कर रही है।
कुमार ने कुछ महीने पहले इसी मुद्दे पर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी जिसमें तेजस्वी यादव भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने राज्य में जाति के आधार पर जनगणना की इच्छा प्रकट की थी। चौधरी ने कहा कि उनकी राय है कि इस मुद्दे पर भाजपा और जदयू फैसला करेंगे क्योंकि दोनों सत्ता में साझेदार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘खैर, उत्तर प्रदेश और बिहार के युवराजों ने जाति की दीवार तोड़ी है। इसलिए उनकी पार्टियों को जातिगत जनगणना की चिंता नहीं करनी चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता ने यह टिप्पणी परोक्ष रूप से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर की जिनकी पत्नी दूसरी जाति से संबंध रखती हैं।