देश एक विशिष्ट परिस्थिति से गुजर रहा है : मोदी


74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश एक विशिष्ट परिस्थिति से गुजर रहा है।भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया।


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130 करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति से कोरोना वायरस से जंग जीतेगा भारत: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विश्वास व्यक्त किया कि 130 करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति से भारत कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग जीतेगा। 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश एक विशिष्ट परिस्थिति से गुजर रहा है। कोरोना वायरस के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी और अनेक लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।

ऐसे कोरोना योद्धाओं को नमन करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि 130 करोड़ देशवासियों की इच्छा शक्ति व संकल्प शक्ति हमें इसमें भी विजय दिलाएगी और हम विजयी होकर रहेंगे। मुझे विश्वास है। प्रधानमंत्री ने कोरोना कालखंड के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले सभी सेनानियों को भी याद किया और उन्हें नमन किया।इससे पहले लाल किले पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने तिरंगा झंडा फहराया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

विश्व कल्याण के लिए ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ जरूरी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं भी कीं। ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ को विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है।

ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से अपने सातवें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में मोदी ने कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का नारा दिया और ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की।

पारम्परिक कुर्ता-पायजामा और माथे पर साफा पहने प्रधानमंत्री ने 86 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, अपनी क्षमता, अपनी रचनात्मकता, अपने कौशल को बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ महीने पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब विदेशों से मंगवाये जाते थे लेकिन आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है। पिछले साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीयों ने आत्म-निर्भर होने का संकल्प लिया है और यह केवल शब्द नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए मंत्र है। आखिर भारत कब तक कच्चे माल का निर्यात करेगा और तैयार उत्पादों का आयात करेगा, भारत को आत्म-निर्भर होना होगा। भारत की विश्व अर्थव्यवस्था में जो हिस्सेदारी है, वह बढ़नी चाहिए और इसके लिये हमें आत्म-निर्भर होना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम आर्थिक वृद्धि और विकास पर ध्यान केंद्रित करें तो मानवता इस प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका में होनी चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हमारा मन पूरी तरह से ‘वोकल फॉर लोकल’ (स्थानीय उत्पादों पर जोर देने वाला) होना चाहिए।

संप्रभुता के सम्मान के लिए देश व उसके जवान कर सकते हैं बलिदान

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया। मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि संप्रभुता के सम्मान के लिए देश व उसके जवान क्या कर सकते हैं, यह दुनिया ने लद्दाख में हाल ही में देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।’’

प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है।

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में भारत को 192 में से 184 देशों के मिले समर्थन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दर्शाता है कि आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है। ‘विश्व के 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व की बात है। विश्व में कैसे हमने अपनी पहुंच बनाई है यह उसका उदाहरण है। यह तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो।

मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वे हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, हम अपने संबंधों को और विश्वास के साथ जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दे।’’

उन्होंने दक्षिण एशिया के देशों का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी, जितना सौहार्द्र होगा, वह मानवता के काम आएगा। ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ (विश्व के लिए विनिर्माण) का नारा जोड़ते हुए मोदी ने भारत को आर्थिक नीतियों में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विश्व आपूर्ति श्रृंखला में विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प पेश किया

भारत अपनी 130 करोड़ जनता के समर्थन के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में प्रगति करने का सामर्थ्य रखता है। ‘‘आत्मनिर्भरता’’ को कोरोना वायरस महामारी से मिली सबसे बड़ी सीख करार देते हुए प्रधानमंत्री ने ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की और कहा कि इससे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।

उन्होंने कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और यह है ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’’। उन्होंने कहा, ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।’’

देश के सर्वांगीण अवसरंचना विकास के लिए ‘‘राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन परियोजना’’ में 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाने का एलान करते हुए उन्होंने बताया कि इसके लिए लगभग सात हजार परियोजनाओं को चिह्नित भी किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए, देश के सर्वांगीण अवसंरचना विकास को एक नई दिशा देने की जरूरत है। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग का विस्तार से जिक्र करते हुए मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि 130 करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति से भारत यह जंग जीतेगा। प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वतंत्रता के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले सभी सेनानियों और देश की रक्षा में शहादत देने वाले जवानों को भी याद किया और उन्हें नमन किया।

आत्मनिर्भर भारत के लिए अहम है ‘आत्मनिर्भर कृषि और आत्म निर्भर किसान’: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत की एक बड़ी प्राथमिकता देश की कृषि और किसानों को स्वावलंबी बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में कृषि क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के साथ साथ इस काम के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं का विकास प्राथमिकता के आधार पर कर रही है।

लालिकले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है- आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान।’’ उन्होंने कहा,‘‘इस दिशा में कदम उठाया गया है और इस कोरोना काल में ही कुछ दिन पहले किसानों को आधुनिक ढांचागत सुविधा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि बुनियादी ढांचा कोष बनाया गया है।’’

उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरूआत की। यह कोष कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, कृषि क्षेत्र की प्रौद्योगिकी कंपनियों और कटाई बाद फसल प्रबंधन में किसान समूहों की मदद के लिए बनाया गया है।

कृषि क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के लिये उनके उत्पाद बेचने के मामले में सीमित दायरे को समाप्त किया गया है। ‘‘अब किसान दुनिया के किसी भी हिस्से में अपना सामान बेच सकता है। किसान उत्पादक संघों (एफपीओ) को बढ़ावा दिया जा रहा है।’’

सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े दो अध्यादेश को जारी किया है। जहां कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 का लक्ष्य किसानों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में कृषि उपज को बेचने की छूट देना है। वहीं, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020 किसानों को प्रसंस्करण इकाइयों, थोक व्यापारियों, बड़ी खुदरा कंपनियों और निर्यातकों के साथ पहले तय कीमतों पर समझौते की छूट देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों ने अपने प्रयासों से देश को आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे..आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं।’’

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि और गैर कृषि उत्पादों के लिये ग्रामीण इलाकों संकुलों का विकास किया जाएगा। इस कदम से किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।



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