संस्कृति मंत्रालय ने ट्वीट कर गुरु गोलवलकर को बताया ‘‘महान विचारक, विद्वान और असाधारण नेता’’, विपक्ष ने की तीखी आलोचना


मंत्रालय के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया और विपक्षी दलों के नेताओं तथा नागरिक संगठनों ने प्रश्न किया कि सरकार उन्हें महिमामंडित क्यों कर रही है।


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नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय ने एमएस गोलवलकर की जयंती पर शुक्रवार को ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें ‘‘महान विचारक, विद्वान और असाधारण नेता’’ बताया। मंत्रालय के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया और विपक्षी दलों के नेताओं तथा नागरिक संगठनों ने प्रश्न किया कि सरकार उन्हें महिमामंडित क्यों कर रही है।

गोलवलकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक थे। मंत्रालय ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य को टैग करते हुए ट्वीट किया,‘‘ महान विचारक, असाधारण नेता और विद्वान एमएस गोलवलकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए। उनके विचार प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे और पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।’’

इस ट्वीट की शशि थरूर और गौरव गोगोई जैसे विपक्षी नेताओं ने आलोचना की। थरूर ने ट्वीट किया,‘‘ शायद ही कोई संस्कृति मंत्रालय को गंभीरता से लेने के पक्ष में हो और इस बात को माने कि यह व्यक्ति महान विचारक और विद्वान था, ‘‘व्हाई आई एम ए हिंदू’’ के कुछ अंश को दोबारा पोस्ट करते हुए, जिनमें उनके कुछ विचारों की झलक है। भारत सरकार ऐसे व्यक्ति की सराहना कर रही है जिसने भारतीय ध्वज और संविधान के प्रति असम्मान दिखाया था।’’

कांग्रेस नेता ने इसके लिए एक लिंक भी पोस्ट किया।कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी इस ट्वीट की आलोचना की। इस पर संस्कृति मंत्रालय के मीडिया सलाहकार नितिन त्रिपाठी ने कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है और मंत्रालय सभी की परंपराओं, रस्मों और मूल्यों का आदर करता है।

अभिनेत्री स्वरा भास्कर और रिचा चढ्ढा ने सोशल मीडिया पर इस ट्वीट की आलोचना की।