‘मिड-डे मील’ योजना का नाम अब ‘पीएम पोषण’ योजना, क्या हुआ नया बदलाव आप भी जानें

Satish Yadav Satish Yadav
देश Updated On :

केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal) का नाम बदल कर, अब यह ‘पीएम पोषण’ योजना के रख दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में इसे लेकर अपनी मंजूरी दी है।

मौजूदा मिड-डे मील योजना देश के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को गर्म भोजन प्रदान करती है। अब इसका नाम पीएम पोषण शक्ति निर्माण कर दिया गया है। इसके साथ ही इस योजना को 2021-22 से 2025-26 तक 5 साल तक जारी रखने के लिए कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया।

योजना के मंजूरी के बाद पीएम ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने किया ट्वीट ‘पीएम पोषण योजना को लेकर किए गए अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए हम हरसंभव काम करने को प्रतिबद्ध हैं। पीएम-पोषण को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है और इससे भारत के युवाओं का फायदा होगा।’

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट करते हुए बताया कि इस योजना के जरिए महिला स्वयं सहायता समूहों को भी काफी मदद मिलेगी। उन्होंने लिखा कि इस योजना को बेहतर तरीके से चलाने के लिए यह योजना किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी।

नये बदलाव से क्या होगा फायदा?

मध्याह्न योजना 1995 में शुरू की गई थी। जिसका लक्ष्य प्राथमिक स्कूल के छात्रों को कम से कम एक बार पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई योजना के तहत अगर राज्य अपनी स्थानीय सब्जी या कोई अन्य पौष्टिक भोजन या दूध या फल जैसी कोई चीज शामिल करना चाहते हैं तो वे केंद्र की मंजूरी से ऐसा कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा, “ यह आवंटित बजट में होना चाहिए। इससे पहले, राज्यों को कोई अतिरिक्त वस्तु शामिल करने पर लागत खुद वहन करनी पड़ती थी।”

इस योजना के कार्यान्वयन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और महिला स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। बयान के अनुसार, ‘‘ योजना का सोशल ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही आकांक्षी जिलों और उच्च रक्त (खून) की कमी वाले जिलों में बच्चों को उपयुक्त पोषाहार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए विशेष व्यवस्था गया है।

विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा?

सरकार की इस योजना का विपक्ष ने विरोध किया है, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है कि सरकार को मिड डे मील का नाम बदलने की जगह सीधा कहना चाहिए कि अडानी सभी इंफ्रास्ट्रक्चर को टेकओवर कर रहे हैं।

दुसरी ओर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मसले पर ट्वीट किया। मनीष सिसोदिया ने लिखा कि मिड डे मील स्कीम का नाम बदल कर पीएम पोषण कर दिया गया। नाम बदलने से यह कैसे सुनिश्चित होगा कि उत्तर प्रदेश में पीएम पोषण के नाम पर भी बच्चों को केवल नमक-तेल रोटी नहीं परोसी जाएगी? और अगर किसी ज़मीनी पत्रकार ने मामला उठाया तो उसे छह महीने जेल में नहीं काटने पड़ेंगे।