मिजोरम के सांसद ने सीमा सुरक्षा के लिए की “मिजो रेजिमेंट” के गठन की मांग

राज्यसभा सदस्य ने रक्षामंत्री से कहा कि बांग्लादेश एवं म्यामां से लगने वाली राज्य की सीमा की सुरक्षा के लिये सेना की रेजिमेंट अथवा अर्द्धसैनिक बल का गठन करने से न केवल स्थानीय ​बेरोजगारी के मुद्दे का समाधान होगा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी इजाफा होगा ।

आइजोल। मिजोरम से राज्यसभा के एकमात्र सदस्य के वनलालवेना ने बांग्लादेश एवं म्यामां से लगने वाली राज्य की सीमा की सुरक्षा के लिये केंद्र से सेना में मिजो रेजिमेंट बनाने अथवा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल मिजोरम राइफल्स का गठन करने की मांग की है ।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद सांसद ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि हाल ही में उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और इस संबंध में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।

वनलालवेना ने कहा कि मिजोरम के लोगों ने ब्रिटिश हुकूमत का विरोध किया था और दो मिजो प्रमुखों- डोकुलहा शिनजाह एवं रोपुइलियानी -ने अपने जीवन का ज्यादातर समय कैद में बिताया था।

उन्होंने सिंह से कहा कि बांग्लादेश एवं म्यामां से लगने वाली राज्य की सीमा की सुरक्षा के लिये सेना की रेजिमेंट अथवा अर्द्धसैनिक बल का गठन करने से न केवल स्थानीय ​बेरोजगारी के मुद्दे का समाधान होगा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी इजाफा होगा।

केंद्रीय युवा मिजो संगठन (सीवाईएमए) के एक नेता के अनुसार, पिछले साल संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैर सरकारी संगठनों के नेताओं से वादा किया था कि केंद्र मिजोरम के युवाओं के लिये केंद्रीय अर्द्धसैनिक बली की बटालियन का गठन करेगा ।

मिजोरम म्यामां और बांग्लादेश के साथ क्रमश: 404 ​किलोमीटर एवं 318 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। म्यामां के साथ लगने वाली मिजोरम की सीमा की सुरक्षा असम राइफल्स करता है जबकि बांग्लादेश के साथ लगने वाली सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल के जिम्मे है।

 

First Published on: October 17, 2020 4:12 PM
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