
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि देश में कोविड टीकाकरण की गति धीमी है। इसके साथ ही सरकार ने जोर दिया कि देश में कोविड टीके की कोई कमी नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने देश में कोविड टीकाकरण की गति धीमी होने के विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अब तक करीब 4.85 करोड़ लोग कोविड टीके की खुराकें ले चुके हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि एक दिन पहले ही 24 घंटों के दौरान करीब 32 लाख लोगों ने टीके लगवाए। उन्होंने कहा कि किसी एक दिन पूरी दुनिया में जितने कोविड टीके लगाए जा रहे हैं, उनमें 30 से 40 प्रतिशत टीके भारत में लगाए जा रहे हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों को कोविड टीके मुहैया करा रही है और इसकी कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में कोविड टीके के लिए अधिकतम 250 रुपए का शुल्क तय किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें 150 रुपए टीका लागत के रूप में भारत सरकार के खाते में जमा करायी जाएगी और 100 रुपए की राशि निजी अस्पतालों द्वारा टीकाकरण या सेवा प्रभार के रूप में अपने पास रखी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कोविड टीके निशुल्क लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण और इसके टीकाकरण को लेकर केंद्र लगातार राज्यों के संपर्क में है तथा राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह से भी सुझाव लिए जाते रहे हैं ताकि व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए।
हर्षवर्धन ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर, सफदरजंग अस्पताल में उपकरणों की खरीद में हुयी विभिन्न अनियमितताओं की जांच के लिए गठित विशेष लेखा परीक्षा समिति ने अपनी रिपोर्ट 30 नवंबर 2018 को दे दी थी।
उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिशों पर विभिन्न स्तरों अर्थात सफदरजंग अस्पताल, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और मंत्रालय द्वारा विचार किया गया। उन्होंने कहा कि जवाबदेही तय करने के संबंध में सतर्कता नियमावली के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
देश के विभिन्न अस्पतालों में आग से सुरक्षा से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर गहन विचार करने के बाद विभिन्न पक्षों के परामर्श से अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशानिर्देश का सख्ती से पालन करने के लिए उसे सभी अस्पतालों के साथ साझा किया गया है।
हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और अधिकतर कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य पर होती है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में आधारभूत ढांचा में सुधार के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों को सहायता मुहैया कराती है।