किसान आंदोलन की वापसी: हरसिमरत कौर ने ‘लोकतंत्र की जीत’ बताया


शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को किसानों के साल भर से जारी आंदोलन को स्थगित करने के फैसले का स्वागत किया और इसे ‘‘लोकतंत्र की जीत’’ बताया।


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नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को किसानों के साल भर से जारी आंदोलन को स्थगित करने के फैसले का स्वागत किया और इसे ‘‘लोकतंत्र की जीत’’ बताया।

कृषि कानूनों का विरोध करने के बाद मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने वाली बादल ने कहा, ‘‘जब सरकार नहीं सुनती है, तो लोग विरोध करने के लिए मजबूर होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि किसानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है, लेकिन उनके घाव भरने में समय लगेगा।’’ बादल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हो गई, वृद्ध लोगों को कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी में धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। फिर, उन्हें खालिस्तानी कहा गया। इन घावों को ठीक होने में समय लगेगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी अब भाजपा नीत राजग में वापसी करेगी, बादल ने कहा कि अकाली दल लोगों के मुद्दों और उसके मूल्यों को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर हुई थी।

आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को स्थगित करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया और घोषणा की कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे।