नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में वाडरें के हुए परिसीमन में खामियों और एक विशेष वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पूर्व केबिनेट मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि, दिल्ली नगर निगम वार्ड परिसीमन में रही कमियां लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं और हमने अपनी आपत्ति व सुझाव दिल्ली राज्य चुनाव आयोग को सौंपे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के मुताबिक, अपने मत को व्यक्त करने का अवसर सभी को मिलना चाहिए क्योंकि मत का सही प्रभाव निर्वाचित प्रतिनिधि को चुनने के समय पड़ता है। परंतु भाजपा के इशारे पर हुए निगम वार्ड परिसीमन को पूरी तरह किसी एक पक्ष को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो सही प्रक्रिया नहीं है क्योंकि परिसीमन लोकतंत्रिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सलमान खुर्शीद न कहा कि, दिल्ली में हुए परिसीमन पर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब दिल्ली की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है तो वाडरें की संख्या 272 से 250 कम किस आधार पर की गई, इस पर सवाल पूछने के बाद कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। क्या किसी विशेष लक्ष्य को साधकर तो वाडरें की संख्या कम नहीं की गई है?
वहीं उन्होंने आगे सवाल किया कि जिस विधानसभा में पहले 5 वार्ड थे और अब भी 5 वार्ड है तो फिर उसके वाडरें की जनसंख्या, बाउंड्री में बदलाव किस मकसद से किया गया?
खुर्शीद के मुताबिक, जब परिसीमन का आधार प्रति वार्ड औसत जनसंख्या 65000 के साथ उसमें 10 प्रतिशत की कमी अथवा बढ़ोत्तरी को सुनिश्चित किया गया, तो परिसीमन समिति ने 80,000 की जनसंख्या वाले 32 वार्ड और 10 प्रतिशत से भी जनसंख्या वाले 80 वार्ड किस आधार पर बनाये। परिसीमन समिति ने अपने फामूर्ले का का पालन वार्ड निर्धारित करने में नहीं किया है। जबकि सबसे कम जनसंख्या वाला वार्ड 35,509 जनसंख्या का है और सबसे अधिक जनसंख्या वाला वार्ड मयूर विहार फेस -1 93381 जनसंख्या का है। परिसीमन समिति वार्ड निर्धारण करते समय अपनी मूल अवधारणा तथा अधिसूचना में किए गए वायदे से भटकी हुई दिखाई पड़ रही है।
कांग्रेस नेता राजेश लिलौठिया ने कहा कि, निगम वार्ड परिसीमन ड्राफ्ट सामने आने के बाद भाजपा का दलित विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। भाजपा ने सरकारी एजेंसियों को अपने हाथ की कठपुतली बनाकर संविधानिक व्यवस्था और लोकतंत्र को लगातार कमजोर करने का काम कर रही है और आर.एस.एस. का दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ कभी तालमेल नही रहा। निगम वार्ड परिसीमन भाजपा के नियंत्रण में किसी साजिश के तहत किया गया है।