निर्देशक मणिरत्नम और अभिनेता कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ के कर्नाटक में रिलीज का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि फिल्म के प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं है। अगर उसे प्रदर्शित किया जाता है, तो राज्य सरकार पूर्ण सुरक्षा देगी। फिल्म का विरोध कर रहे संगठन ने भी कहा कि वह हिंसा का सहारा नहीं लेगा।
जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की अवकाशकालीन बेंच ने सभी पक्षों के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने साफ किया कि अराजक तत्वों से निपटना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सख्त रूख अपनाते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में लंबित याचिका को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था।
पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एम महेश रेड्डी नाम के व्यक्ति की जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। राज्य सरकार को इस पर जवाब देना था, लेकिन उसने कहा कि निर्माता की याचिका पहले से हाई कोर्ट में लंबित है। निर्माता कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों से बातचीत कर मामला हल करने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सीधे-सीधे कानून के शासन से जुड़ा विषय है। किसी फिल्म को सीबीएफसी का सर्टिफिकेट मिलने के बाद प्रदर्शित होने से नहीं रोका जा सकता। उग्र विरोध का बहाना बना कर राज्य सरकार फिल्म का प्रदर्शन सुनिश्चित करने के दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती। इसके बाद राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि वह फिल्म का प्रदर्शन सुनिश्चित करेगी।
कुछ दिनों पहले अभिनेता कमल हासन ने कहा था कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल भाषा से हुआ है। इस बयान को लेकर हो रहे विरोध के चलते कर्नाटक में उनकी नई फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो पा रहा था। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा कि कई बार पब्लिसिटी के लिए भी विवादित बयान दिए जाते हैं। अगर किसी को कमल हासन के बयान से समस्या है, तो वह उसके जवाब में अपनी तरफ से बयान जारी कर सकता है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि आज कल किसी भी बात पर लोगों की भावनाएं आहत हो जाती हैं। किसी भी मुद्दे पर समाज में चर्चा और बहस हो सकती है। जिन्हें अभिनेता का बयान का विरोध करना है, वह चाहें तो फिल्म को देखने न जाएं। लेकिन फिल्म का प्रदर्शन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि हाई कोर्ट ने फिल्म से जुड़े लोगों को कर्नाटक के निवासियों से माफी मांगने की सलाह दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना हाई कोर्ट का काम नहीं है।