नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के स्थापना दिवस पर शुक्रवार को प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस पहाड़ी राज्य में विद्यमान संभावनाओं का पूरी तरह उपयोग करने के लिए तेजी से काम करने की आवश्यकता है।
एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि 1948 में जब हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ था तब उसके सामने पहाड़ जितनी चुनौतियां सामने थीं और छोटा पहाड़ी प्रदेश होने के कारण मुश्किल परिस्थितियों व चुनौतीपूर्ण भूगोल के चलते संभावनाओं के बजाय आशंकाएं अधिक थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हिमाचल प्रदेश के मेहनतकश, ईमानदार, कर्मठ लोगों ने इस चुनौती को अवसरों में बदल दिया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश के पास तेज विकास के लिए जरूरी हर चीज मौजूद है और इनके जरिए उसे समृद्ध और सशक्त भारत के निर्माण में अपने योगदान का निरंतर विस्तार करते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में जितनी संभावनाएं हैं, उनको पूरी तरह से सामने लाने के लिए अब हमें तेज़ी से काम करना है। आने वाले 25 वर्ष में हिमाचल प्रदेश की स्थापना और देश की आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। ये हमारे लिए नए संकल्पों का अमृतकाल है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बागवानी हो या साक्षरता दर, गांव-गांव सड़क सुविधा हो या फिर घर-घर बिजली और पानी की सुविधा हो, ऐसे मानक इस पहाड़ी राज्य की प्रगति को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर जिस प्रकार से ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों के चौड़ीकरण और रेलवे नेटवर्क के विस्तार का बीड़ा उठाया है, उसके परिणाम अब दिखने लगे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे संपर्क बेहतर हो रहा है, वैसे वैसे हिमाचल प्रदेश का पर्यटन नए क्षेत्रों व नए अंचलों में प्रवेश कर रहा है। हर नया क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य व रोमांच के नए अनुभव लेकर आ रहा है। इनसे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार व स्वरोजगार की अनंत संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में हिमाचल प्रदेश को पर्यटन, शिक्षा, शोध, सूचना और प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण और प्राकृतिक खेती जैसे क्षेत्रों में और तेजी से आगे ले जाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के केंद्रीय बजट में घोषित ‘‘वाइब्रेंट विलेज योजना’’ और पर्वतमाला योजना से भी हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि यह योजनाएं हिमाचल प्रदेश के दूर-सुदूर इलाकों में संपर्क भी बढ़ाएंगी, इनसे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें हिमाचल प्रदेश की हरियाली का विस्तार करना है। जंगलों को अधिक समृद्ध करना है।’’