TOKYO PARALYMPICS : रजत पदक जीतने के लिए भाविनाबेन को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाई


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तोक्यो खेलों में एतिहासिक रजत पदक जीतने के लिए टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल को बधाई दी है।


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
देश Updated On :

तोक्यो। तोक्यो खेलों की टेबल टेनिस में भारतीय खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने एतिहासिक जीत के साथ रजत पदक अपने नाम कर लिया है। टेबल टेनिस के महिला एकल फाइनल में रविवार को यहां दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं।

जिस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तोक्यो खेलों में एतिहासिक रजत पदक जीतने के लिए टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल को बधाई दी है।

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘भाविना पटेल ने पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर भारतीय दल और खेल प्रेमियों को प्रेरित किया है। आपकी असाधारण प्रतिबद्धता और कौशल ने भारत को गौरवांवित किया है। इस शानदार उपलब्धि पर आपको मेरी ओर से बधाई।’’

इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाविनाबेन की उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा है।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भाविना पटेल ने इतिहास रचा। उन्होंने एतिहासिक रजत पदक जीता है। इसके लिए उन्हें बधाई। जीवन में उनकी यात्रा प्रेरणादायी है और यह अधिक युवाओं को खेलों से जोड़ेगी।’’

बता दें कि चौंतीस साल की भाविनाबेन दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ के खिलाफ 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गई। वह हालांकि भारत को मौजूदा पैरालंपिक खेलों का पहला पदक दिलाने में सफल रहीं।

भाविनाबेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी।

व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली भाविनाबेन को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भाविनाबेन ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं यह पदक उन लोगों को समर्पित करती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया, पीसीआई (भारतीय पैरालंपिक समिति), साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण), टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना), ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन और मेरे सभी मित्र और परिवार।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मेरे कोच को भी समर्पित है जिन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया और मुझे कड़ी ट्रेनिंग दी जिससे कि मैं इस जगह पर पहुंच सकी। मेरे फिजियो, डाइटीशियन और खेल मनोवैज्ञानिक को भी विशेष धन्यवाद।’’

बीजिंग और लंदन में स्वर्ण पदक सहित पैरालंपिक में पांच पदक जीतने वाली झाउ के खिलाफ भाविनाबेन जूझती नजर आईं और अधिकतर समय वापसी करने की कोशिशों में लगी रहीं।

विश्व चैंपियनशिप की छह बार की पदक विजेता झाउ ने दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी भाविनाबेन को कोई मौका नहीं दिया। झाउ ने पहले गेम में 3-3 के स्कोर के बाद 7-5 की बढ़त बनाई। भाविनाबेन ने कुछ अंक और जुटाए लेकिन चीन की खिलाड़ी पहला गेम जीतने में सफल रही।

दूसरे गेम में झाउ ने शानदार शुरुआत करते हुए 7-1 की बढ़त बनाई जिसके बाद उन्हें दूसरा गेम जीतकर 2-0 की बढ़त बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई। तीसरे गेम में भाविनाबेन ने झाउ को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की। एक समय स्कोर 5-5 से बराबर था लेकिन इसके बाद चीन की खिलाड़ी ने जोरदार खेल दिखाते हुए गेम, मैच और खिताब जीत लिया।

मात्र 12 महीने की उम्र में पोलियो से संक्रमित होने वाली भाविनाबेन ने शनिवार को सेमीफाइनल में चीन की दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी मियाओ झैंग को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराया था।

शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में भाविनाबेन ने रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी सर्बिया की बोरिस्लावा पेरिच रेंकोविच को हराकर पदक सुनिश्चित करते हुए इतिहास रचा था।

पैरा टेबल टेनिस की क्लास 1 से 5 व्हीलचेयर खिलाड़ियों के लिए होती है। क्लास 4 के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन ठीक-ठाक होता है और उनकी बांह और हाथ पूरी तरह काम करते हैं। भाविनाबेन 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रपुर क्षेत्र में ‘ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन’ में इस खेल से जुड़ी। वह वहां दिव्यांग लोगों के लिए आईटीआई की छात्र थी।

वहां उन्होंने दृष्टिबाधित बच्चों को टेबल टेनिस खेलते हुए देखा और इस खेल से जुड़ने का फैसला किया। उन्होंने अहमदाबाद के रोटरी क्लब का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतियोगिता में अपना पहला पदक जीता। वह गुजरात के लिए जूनियर क्रिकेट खेलने वाले निकुंज पटेल के साथ विवाह करके अहमदाबाद में रहती हैं।

भाविनाबेन पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीतकर 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बनी। अक्तूबर या गया।