
नई दिल्ली। किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ साझा करने के मामले में गिरफ्तार की गई जलवायु पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी जांच की कोई भी सामग्री मीडिया में लीक करने से रोका जाए।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की कई याचिका में डिया को उनके और तीसरे पक्ष के बीच व्हाट्सऐप पर मौजूद किसी भी कथित निजी वार्तालाप की सामग्री या अन्य चीजें प्रकाशित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका के के दोपहर के भोजन के सत्र से पहले सुनवाई के लिए आने पर न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि वह दोपहर सवा दो बजे के बाद मामले पर सुनवाई करेंगी।
रवि ने अपनी याचिका में कहा कि वह ‘‘ वह पूर्वाग्रह से ग्रसित उनकी गिरफ्तारी और मीडिया ट्रायल से काफी दुखी हैं, जहां उन पर प्रतिवादी 1 (पुलिस) और कई मीडिया घरानों द्वारा स्पष्ट रूप से हमला किया जा रहा है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ द्वारा 13 फरवरी को बेंगलुरु से उनको गिरफ्तार किया जाना भी ‘‘पूरी तरह से गैरकानूनी और निराधार था।’’
उन्होंने दलील दी कि मौजूदा परिस्थितियों में इस बात की ‘‘काफी आशंका’’ है कि आम जनता इन खबरों से याचिकाकर्ता को दोषी मान ले।
याचिका में कहा, ‘‘ इन परिस्थितियों में, और प्रतिवादी को उनकी निजता, उनकी प्रतिष्ठा और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन करने से रोकने के लिए, याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका को आगे बढ़ा रही है।’’
याचिका में आरोप लगाया गया कि जांच संबंधी सामग्री मीडिया में लीक की जा रही है और पुलिस द्वारा किए जा रहे संवाददाता सम्मेलन ‘‘पूर्वाग्रह से ग्रसित’’ और ‘‘उनके निष्पक्ष सुनवाई और उनके निर्दोष होने की संभावना के अधिकार का उल्लंघन करता है।’’
जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, जबकि मुम्बई की वकील जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी है।