भारत-म्यांमार बॉर्डर पर उल्फा उग्रवादियों से मुठभेड़, ओएनजीसी के दो कर्मचारी छुड़ाए गए

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गुवाहाटी। नगालैंड में भारत-म्यांमार सीमा के पास शनिवार को मुठभेड़ के बाद ओएनजीसी के दो कर्मचारियों को छुड़ा लिया गया जबकि तीसरे व्यक्ति की तलाश जारी है। असम पुलिस प्रमुख भास्कर ज्योति महंता ने यह जानकारी दी। असम-नगालैंड सीमा के पास शिवसागर जिले में लकवा तेल क्षेत्र से बुधवार को तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों को संदिग्ध उल्फा (आई) उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था।

महंता ने कहा, अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास नगालैंड के मोन जिले के जंगल में मुठभेड़ हुई। ओएनजीसी के दो कर्मचारियों को वहां से छुड़ा लिया गया। तीसरे कर्मचारी की तलाश के लिए अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि नगालैंड पुलिस, भारतीय सेना और अन्य अर्द्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम ने यह अभियान चलाया जिन्होंने असम पुलिस से मिली खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई की।

असम के डीजीपी ने छुड़ाए गए व्यक्तियों की पहचान मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया के तौर पर हुई है। सुरक्षा बल रितुल सैकिया की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने बताया, अभियान सुबह शुरू किया गया और अब भी जारी है। वहां मौजूद टीम से ब्यौरा मिलने के बाद ही हम कुछ और बता पाएंगे।

इस मामले में सीधे तौर पर शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उग्रवादी मुठभेड स्थल से एक एके राइफल छोड़ कर भाग गए हैं। उन्होंने कहा, “यह साफ है कि वह उल्फा (आई) के उग्रवादी हैं। मौके से भागते वक्त वे, रितुल सैकिया को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे। वहां से सीमा छह-सात किलोमीटर दूर है और इसे पार करना आसान नहीं है क्योंकि यह घने जंगलों से घिरा हुआ है।