वाशिंगटन। भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने सदन में उस प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पारित होने का स्वागत किया, जिसमें अमेरिकी प्रशासन से कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच भारत को महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति भेजने का आग्रह किया गया है।
कृष्णमूर्ति ने भारत में कोविड-19 के भयावह प्रभाव को देखते हुए इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया था। ‘इंडिया कॉकस’ के सदस्य के तौर पर सांसद कृष्णमूर्ति ने वैश्विक स्तर पर, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारत सहित कई अन्य देशों के लिए इस महामारी के असर को कम करने के अमेरिका के प्रयासों का समर्थन किया। इस प्रस्ताव को ओर मजबूत करने की खातिर, उन्होंने अमेरिका के वैश्विक टीकाकरण प्रयासों का विस्तार करने के लिए दोनों सदनों में ‘नलिफाइंग अपॉर्चुनिटीज फॉर वेरिएंट्स टू इन्फेक्ट एंड डेसीमेट’ (एनओवीआईडी) अधिनियम संबंधी विधेयक भी पेश किया है।
कृष्णमर्ति ने कहा, ‘‘ प्रस्ताव का सर्वसम्मति से पारित होना, वैश्विक टीकाकरण तथा भारत के लिए समर्थन और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में द्विदलीय भावना को प्रदर्शित करता है। मैं खुश हूं कि मेरे सहयोगी और मैं भारत जैसे उन देशों का समर्थन करने की आवश्यकता को व्यक्त करने के लिए एच.आरईएस.402 पारित कराने में सफल रहे, जो कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए ही मैंने एनओवीआईडी विधेयक पेश किया है, ताकि विश्वस्तर पर सभी लोगों को टीका मुहैया कराने में अमेरिका की भूमिका का विस्तार किया जा सके। यह वैश्विक महामारी को तेजी से समाप्त करेगा और विदेशों में उत्पन्न होने वाले कोविड-19 के खतरनाक नए स्वरूपों की आशंका को सीमित करके अमेरिका द्वारा इस दिशा में अभी तक उठाए गए कदमों की रक्षा करेगा। यह एक वैश्विक महामारी है, जिससे विश्व स्तर पर निपटने की जरूरत है।’’
एनओवीआईडी अधिनियम भारत सहित 92 ‘कोवैक्स’ देशों की 60 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लिए आठ अरब टीके की खुराक का उत्पादन करने के लिए विनिर्माण क्षमता को बढ़ाएगा और भविष्य में किसी भी महामारी से बचाने के लिए एक वैश्विक रोग निगरानी तंत्र स्थापित करेगा।