कृषि कानून किसानों के लिए मौत की सजा है, उनकी आवाज कुचल दी गई: राहुल


राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कृषि संबंधी कानून हमारे किसानों के लिए मौत का फरमान हैं। उनकी आवाज संसद और बाहर दोनों जगह दबाई गई। यहां इस बात का सबूत है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है।’’


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नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा नये विवादित कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व महासचिव राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार का कृषि काूनन देश के किसानों के लिए मौत की सजा है।

राहुल ने अपने ट्वीट में कहा, कृषि क़ानून हमारे किसानों के लिए मौत की सज़ा हैं। उनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है। ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है।”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि किसानों की आवाज संसद और बाहर दोनों जगह दबाई गई।

उन्होंने राज्यसभा में इन विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान हुए हंगामे से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कृषि संबंधी कानून हमारे किसानों के लिए मौत का फरमान हैं। उनकी आवाज संसद और बाहर दोनों जगह दबाई गई। यहां इस बात का सबूत है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है।’’

कांग्रेस नेता ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा था कि सदन में कृषि संबंधी विधेयकों पर मतदान की मांग करते समय विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर नहीं थे, लेकिन राज्यसभा टीवी की फुटेज से इसकी उलट बात साबित होती है।

हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में संसद ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को इन विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके बाद ये कानून बन गए।