नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। आरजेडी, कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों ने इनके निधन पर दु:ख जताया है। कांग्रेस नेता व यादव की पुत्री सुभाषिनी और पुत्र शांतनु यादव ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने जानकारी दी कि उनके पिता शरद यादव को गुरुवार रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। वहीं फॉर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक बुलेटिन जारी कर कहा है कि शरद यादव को इमरजेंसी वार्ड में बेहोशी की हालत में लाया गया था और उनका शरीर काम नहीं कर रहा था। जांच के बाद पाया गया कि उनकी नाड़ी की धड़कन बंद हो गई है और रक्तचाप भी रिकॉर्ड नहीं हो पा रहा था। उनका सीपीआर कराया गया। बार-बार प्रयास करने के बावजूद उनकी धड़कन वापस नहीं हो सकी। इसके बाद रात्रि 10:19 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
शरद यादव के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी, आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, तेजस्वी यादव सहित अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रीय जनता दल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा,’ समाजवादी राजनीति के मजबूत स्तम्भ, पार्टी के वरिष्ठतम नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के संघर्ष के साथी आदरणीय शरद यादव जी का निधन देश, बिहार, राजद और संपूर्ण समाजवादी परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने दु:ख व्यक्त करते हुए ट्वीट संदेश में कहा, देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष, श्री शरद यादव जी के निधन से दु:खी हूं। एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर उन्होंने समानता की राजनीति को मजबूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को मेरी गहरी संवेदनाएं।
कांग्रेस पार्टी ने भी आधिकारिक ट्वीटर पेज पर ट्वीट कर कहा, जद-यू के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार एवं समर्थकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, शरद यादव जी समाजवाद के पुरोधा होने के साथ एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनके शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। देश के लिए उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा।
वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, मंडल मसीहा, महान समाजवादी और राजद के वरिष्ठ नेता आदरणीय शरद यादव के निधन से देश स्तब्ध है! स्वर्गीय शरद यादव जी को भावभीनी एवं अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि!
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, महान समाजवादी नेता एवं देश में सामाजिक न्याय के वर्तमान समय के सबसे बड़े व सच्चे प्रहरी, हमारे अभिभावक श्री शरद यादव जी के निधन की खबर अत्यंत ही दुखद है। उनके जाने से देश में सामाजिक विषमता के खिलाफ एक खास किस्म के संघर्ष का अंत हो गया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार के साथ हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहने की ताकत दें
गौरतलब है कि समाजवादी विचारधारा के शरद यादव मूलत: मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। उनका जन्म एक जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। शरद पढ़ने लिखने में काफी तेज थे। जबलपुर में छात्र राजनीति में सक्रिय हो कर वह बिहार चले गए और वहां से राष्ट्रीय फलक पर पहचान स्थापित की। वह 1989 में मंडल राजनीति का प्रमुख चेहरा बन कर उभरे। बाद में वो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए। वे बिहार के मधेपुरा लोकसभा से चार बार सांसद बने। मध्यप्रदेश के जबलपुर से दो बार सांसद चुने गए। उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी एक बार लोकसभा के लिए चुने गए। शरद यादव तीन बार राज्यसभा के भी सदस्य थे। वह 2003 में जनता दल यूनाइटेड के गठन के बाद से 2016 तक इसके अध्यक्ष रहे। बाद में जनता दल यूनाइटेड ने उन्हें संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था और राज्यसभा की सदस्यता के लिए उनको आयोग भी करार दिया गया।
शरद यादव 1999 से 2004 के बीच प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली तत्कालीन राजग सरकार में नागर विमानन उपभोक्ता मामले खाद एवं लोक वितरण विभाग के मंत्री थे। यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक भी रहे। जनता दल यूनाइटेड से निकाले जाने के बाद उन्होंने 2018 में लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। उन्होंने मार्च 2020 में उसका लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया।
शरद यादव करीब 50 साल राजधानी के लुटियंस जोन में रहे। नयी दिल्ली के तुगलक रोड 307 नंबर कोठी लंबे समय तक उनका आवास रही, जहां वे 23 साल बिताए। उन्हें कानूनी प्रक्रिया के चलते पिछले वर्ष मई में यह सरकारी आवास खाली करना पड़ा था।