
कर्नाटक के हावेरी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मुस्लिम सरकारी कर्मचारी ने बस रोक दी और नमाज पढ़ने लगा। इस दौरान बस में बैठे यात्री अपनी मंजिल तक पहुंचने का इंतजार करते रहे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिससे उस कर्मचारी की परेशानी बढ़ गई है।
हावेरी जिले में इस घटना का काफी विरोध हो रहा है। यह घटना मंगलवार को उस समय हुई जब बस में यात्री बैठे थे। बताया जा रहा है कि कुछ यात्रियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन ड्राइवर ने फिर भी बस रोककर नमाज पढ़ी। यह घटना शाम को हुबली-हावेरी रोड पर हुई। वीडियो सामने आने के बाद कर्नाटक राज्य परिवहन निगम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
कर्नाटक सरकार के परिवहन और मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इस मामले में NWKRTC (हुबली) के मैनेजिंग डायरेक्टर को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा कि 29 अप्रैल की शाम को हुबली से हावेरी जा रही बस को एक ड्राइवर-कम-ड्राइवर ने रास्ते में रोककर नमाज पढ़ी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मंत्री ने कहा कि जो लोग सरकारी सेवा में हैं, उन्हें नियमों का पालन करना जरूरी होता है। सभी को अपने धर्म का पालन करने की आज़ादी है, लेकिन ऐसा ऑफिस टाइम के बाहर किया जाना चाहिए। यात्रियों से भरी बस को बीच रास्ते में रोककर नमाज पढ़ना सही नहीं है। मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि वायरल वीडियो की तुरंत जांच की जाए और अगर कर्मचारी दोषी पाया जाए तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2023 में भी बेंगलुरु में इसी तरह की एक घटना हुई थी। इसमें एक महिला यात्री ने BMTC (बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) के एक बस ड्राइवर की टोपी पहनने पर आपत्ति जताई थी। महिला का कहना था कि सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी के समय किसी भी तरह के धार्मिक चिन्ह नहीं दिखाने चाहिए।
ड्राइवर ने बताया कि वह कई सालों से टोपी पहन रहा है और पहले किसी ने कोई आपत्ति नहीं की थी, लेकिन फिर भी उसने टोपी उतारने की बात मान ली। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया था और लोगों ने इस पर अलग-अलग तरह की राय दी थी।