4 साल में रिकाॅर्ड स्तर पर कम हुआ स्विस बैंकों में रखा भारतीयों का पैसा?


स्विस अधिकारियों ने हमेशा यह कहा है कि स्विट्जरलैंड में भारतीय निवासियों द्वारा रखी गई संपत्ति को ‘काला धन’ नहीं माना जा सकता है और वे कर धोखाधड़ी और चोरी के खिलाफ लड़ाई में भारत का सक्रिय रूप से समर्थन करते हैं।


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नई दिल्ली। स्विस बैंकों में रखा भारतीयों का पैसा 70% गिरकर पिछले चार साल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। यह खुलासा स्विस नेशनल बैंक ने भारत के स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से स्विस बैंकों में जमा धन के आंकड़ों के माध्यम से किए हैं। स्विट्जलैंड के केंद्रीय बैंक की ओर से बृहस्पतिवार को जारी वार्षिक आंकड़ों के अनुसार, भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा जमा धन, 2023 में 70 प्रतिशत की तेज गिरावट के साथ चार साल के निचले स्तर 1।04 अरब स्विस फ्रैंक (9,771 करोड़ रुपये) पर आ गया है। यह 2021 में 14 साल के उच्चतम स्तर 3।83 अरब स्विस फ्रैंक पर पहुंच गया था।

स्विस नेशनल बैंक के मुताबिक, 2023 के अंत में स्विस बैंकों की भारतीय ग्राहकों को कुल देनदारियों में 103।98 करोड़ स्विस फ्रैंक बताए गए हैं। इनमें ग्राहक जमा में 31 करोड़ स्विस फ्रैंक (2022 के अंत में 39।4 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम), अन्य बैंकों के माध्यम से रखे गए 42।7 करोड़ स्विस फ्रैंक (111 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम), न्यासों या ट्रस्टों के माध्यम से एक करोड़ स्विस फ्रैंक (2।4 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम) और बॉन्ड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय साधनों के रूप में ग्राहकों को देय अन्य राशियों के रूप में 30।2 करोड़ स्विस फ्रैंक (189।6 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम) शामिल हैं।

स्विस नेशनल बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, गिरावट का मुख्य कारण बॉन्ड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से रखे गए धन में तेज गिरावट है। ग्राहक जमा खातों में जमा राशि और भारत में अन्य बैंक शाखाओं के माध्यम से रखे गए धन में भी गिरावट आई है। ये स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) को बैंकों द्वारा बताए गए आधिकारिक आंकड़े हैं और इनका स्विटजरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए कथित काले धन से कोई संबंध नहीं है। इन आंकड़ों में वह धन भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) या अन्य लोगों ने तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर स्विस बैंकों में जमा किया हो।

स्विस अधिकारियों ने हमेशा यह कहा है कि स्विट्जरलैंड में भारतीय निवासियों द्वारा रखी गई संपत्ति को ‘काला धन’ नहीं माना जा सकता है और वे कर धोखाधड़ी और चोरी के खिलाफ लड़ाई में भारत का सक्रिय रूप से समर्थन करते हैं। स्विट्जरलैंड और भारत के बीच कर मामलों में सूचनाओं का स्वचालित आदान-प्रदान 2018 से लागू है। इस ढांचे के तहत, 2018 से स्विस वित्तीय संस्थानों में खाते रखने वाले सभी भारतीय नागरिकों की विस्तृत वित्तीय जानकारी पहली बार सितंबर 2019 में भारतीय कर अधिकारियों को प्रदान की गई थी और इसका पालन हर साल किया जा रहा है।

स्विस नेशनल बैंक की मानें तो भारतीयों द्वारा रखी कुल राशि 2006 में 6।5 अरब स्विस फ्रैंक के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर थी। इसके बाद 2011, 2013, 2017, 2020 और 2021 में कुछ वर्षों को छोड़कर यह ज्यादातर नीचे होते हुए ही दिख रही है।