WOMEN’S DAY SPECIAL: राष्ट्रपति कोविंद ने 29 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को महिलाओं के सशक्तीकरण में उत्कृष्ट योगदान देने वाली 29 महिलाओं को 2020 और 2021 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया…


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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को महिलाओं के सशक्तीकरण में उत्कृष्ट योगदान देने वाली 29 महिलाओं को 2020 और 2021 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया ।

राष्ट्रपति ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये उत्कृष्ट सेवाएं देने वाली 29 महिलाओं को 28 पुरस्कार प्रदान किये । इनमें 2020 के लिये 14 पुरस्कार और 2021 के लिये 14 पुरस्कार शामिल हैं ।

गौरतलब है कि ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किये जाने वाले उल्लेखनीय योगदान के लिए मान्यतास्वरूप महिला और बाल विकास मंत्रालय की पहल के तहत प्रदान किये जाते हैं।

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण 2020 का पुरस्कार समारोह 2021 में आयोजित नहीं हो पाया था।

वर्ष 2020 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में उद्यमशीलता, कृषि, नवोन्मेष, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, एसटीईएमएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और गणित) तथा वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं शामिल हैं।

वर्ष 2021 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में भाषा-विज्ञान, उद्यमशीलता, कृषि, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, मर्चेंट नेवी, एसटीईएमएम, शिक्षा, साहित्य, दिव्यांगजन अधिकार आदि क्षेत्रों में योगदान देने वाली महिलाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित महिलाओं से मुलाकात की थी ।

यह पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मर्चेंट नेवी की कप्तान राधिका मेनन, सामाजिक उद्यमी अनीता गुप्ता, आर्गेनिक खेती करने वाली आदिवासी कार्यकर्ता ऊषाबेन दिनेशभाई वसावा, नवाचार के लिए विख्यात नासिरा अख्तर, इंटेल इंडिया की प्रमुख निवृति राय, ‘डाउन सिंड्रोम’ से पीड़ित कथक नृत्यांगना सायली नन्दकिशोर अगवाने, सांपों को बचाने वाली पहली महिला वनिता जगदेव बोराडे और गणितज्ञ नीना गुप्ता शामिल हैं।

मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी महिलाएं पारिवारिक स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा बनें, जो उनके आर्थिक सशक्तिकरण के परिणामस्वरूप संभव होगा।