कोविड-19 से जूझ रही दुनिया को करुणा, दया की आवश्यकता : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि दुनिया कोविड-19 के कहर से जूझ रही है और उसे पहले के मुकाबले कहीं अधिक करुणा, दया और निस्वार्थ भाव की जरूरत है।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि दुनिया कोविड-19 के कहर से जूझ रही है और उसे पहले के मुकाबले कहीं अधिक करुणा, दया और निस्वार्थ भाव की जरूरत है।

कोविंद ने एक कार्यक्रम में कहा कि बौद्ध धर्म से निकले इन वैश्विक मूल्यों को विचारों तथा कार्यों में अपनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक चिंता के मुद्दों से निपटने में बौद्ध मूल्य और सिद्धांत दुनिया को बेहतर स्थान बनाने में मदद करेंगे।’’

वह अंतरराष्ट्रीय बौद्ध कन्फेडरेशन (आईबीसी) द्वारा आयोजित आषाढ़ पूर्णिमा – धर्म चक्र दिवस के वार्षिक कार्यक्रम को वीडिया संदेश के द्वारा संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान के अनुसार, कोविंद ने कहा कि भगवान बुद्ध के जीवन में मानवता के अमूल्य सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के असर से जूझ रही दुनिया को पहले से कहीं अधिक करुणा, दया और निस्वार्थ भाव की आवश्यकता है।’’

उन्होंने उम्मीद जतायी कि आज की दुनिया भगवान बुद्ध की असीमित अनुकंपा से प्रेरित होगी और मानवीय पीड़ाओं से उबरने का संकल्प लेगी। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के सार पर बने रहना महत्वपूर्ण है।

कोविंद ने सभी बौद्ध परंपराओं और संगठनों को मानवता की सेवा के लिए एक साझा मंच उपलब्ध कराने में आईबीसी के प्रयास की भी प्रशंसा की।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दूसरे धर्मों के लोग और यहां तक की संशयवादी तथा नास्तिक लोग भी बौद्ध की शिक्षाओं से आकर्षित महसूस करते हैं। बौद्ध धर्म की यह सार्वभौमिक और शाश्वत अपील मनुष्यों के सामने आ रही मूलभूत समस्याओं का तार्किक और सरल जवाब है।’’

बयान के अनुसार, इससे पहले सुबह कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के बगीचे में बोधि वृक्ष का पौधा लगाया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी तथा आईबीसी के महासचिव डॉ. धम्मापिया मौजूद रहे।

First Published on: July 24, 2021 12:59 PM
Exit mobile version