वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 2020 : शरीर के साथ मस्तिष्क को भी स्वस्थ्य रखना जरुरी

बबली कुमारी बबली कुमारी
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नई दिल्ली। दुनिया भर में 10 अक्टूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। आखिर क्या है यह मानसिक स्वास्थ्य ? भारत में यह सवाल सभी के जुबान पर होता है क्योंकि भारत जैसे विकासशील देश में अभी भी इसको बीमारी मानी ही नहीं जाती। जो इस बीमारी से पीड़ित होते हैं उन्हें भी पता नहीं होता की यह बीमारी आखिर है क्या और क्या इसके लक्षण हैं।

मानसिक बीमारी के लक्षण हमारी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। इसके निम्नलिखित लक्षण होते हैं-

हरवक्त उदासी महसूस करना, व्याकुल होना या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी होना, अत्यधिक भय या चिंता या अपराध की भावनाएं महसूस करना, मनोदशा में परिवर्तन, दोस्तों से अलग होना, थकान, सोने में समस्याएं, दैनिक समस्याओं या तनाव से निपटने में असमर्थता, शराब या नशीली दवाओं का सेवन करना, अत्यधिक क्रोध या हिंसक व्यवहार,आत्मघाती सोच रखना।

जहां विदेशों में इस बीमारी पर लोग खुल कर बातें करते हैं और बिना किसी शर्म और हिचक के इसका ईलाज करवा खुद को ठीक करते हैं तो वहीं भारत में इससे पीड़ित अपने तक सीमित रहते हैं और यह मानते हैं कि न तो यह किसी प्रकार की कोई बीमारी है और न ही इसका कोई ईलाज है।

मानसिक स्वास्थ्य अभी भी सभी सार्वजनिक स्वास्थ्यों में सबसे उपेक्षित क्षेत्रों में से एक है। शारीरिक रोग को सभी या कम से कम पीड़ित लोग रोग के रूप में देखते हैं। यह ज्ञात है कि वह बीमार है और उसे उपचार की आवश्यकता है लेकिन यदि कोई मानसिक बीमारी या मानसिक रूप से अस्वस्थ है, तो कभी-कभी वह व्यक्ति भी जो इस बीमारी से जूझ रहा है, वह खुद नहीं जानता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को संवेदनशील और जागरूक बनाने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

आज तेज और दौड़-भाग के समय में कई वजह से लोग डिप्रेशन और मानसिक तनाव से गुजरते हैं। जिसके कारण अक्सर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमार देश में समस्या यह है कि जब तक आदमी पागलपन की हद तक नहीं पहुंच जाता है तब तक उसे मानसिक रूप से अस्वस्थ नहीं मानते हैं।

WHO के मुताबित 10 करोड़ के करीब लोग इस मानसिक बीमारी के साथ जी रहे हैं। हर साल 30 लाख लोग शराब के हानिकारक उपयोग से मरते हैं और प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करके अपनी ज़िन्दगी गवां देते हैं। अब, दुनिया भर के करोड़ों लोग कोरोना महामारी से प्रभावित हुए हैं, जिसका लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर और प्रभाव पड़ रहा है।

हमारी चिंता हमें तनाव देती है और जब यह लंबे समय तक रहता है तो डिप्रेशन यानी अवसाद में तब्दील हो सकता है। इसलिए मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी है। मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता के लिए हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है ताकि लोगों इस बीमारी को समझें और इसपर बातें हो।

हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है। 2020 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस थीम के लिए लक्ष्य मानसिक स्वास्थ्य में निवेश से संबंधित है। द वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (डब्ल्यूएफएमएच) के अनुसार, 2020 में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे थीम मेंटल हेल्थ फॉर ऑल: ग्रेटर इन्वेस्टमेंट – ग्रेटर एक्सेस है।



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