PAK पर भारत के एक्शन से ढीले पड़े यूनुस सरकार के सुर! 

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अपनी चीन की यात्रा के दौरान भारत के उत्तर-पूर्व भाग को अलग और लैंडलॉक्ड कहा था। हालांकि, मोहम्मद यूनुस के सुर में अब बदलाव नजर आ रहा है। मोहम्मद यूनुस ने पहले चीन से भारी निवेश हासिल करने की मंशा से यह बयान दिया था, हालांकि, अब यूनुस बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के सेवन सिस्टर्स स्टेट्स कही जाने वाले उत्तर-पूर्वी राज्यों को एक साथ जोड़कर एक यूनिफाइड क्रॉस-बार्डर इकोनॉमिक इंटिग्रेशन प्लान में शामिल करने की वकालत कर रहे हैं।

मोहम्मद यूनुस ने ये बयान सोमवार (12 मई) को नेपाल की प्रतिनिधि सभा की उपाध्यक्ष इंदिरा राणा से मिलने के बाद दिया, जो फिलहाल ढाका में नेपाल दूतावास की ओर से आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए आई हैं। यूनुस ने इस दौरान कहा, “बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक इंटिग्रेटेड इकोनॉमिक प्लान होना चाहिए। इसमें मिलकर काम करने से हमें अकेले की तुलना में ज्यादा फायदा हो सकता है।”

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने इसी साल मार्च महीने में चीन की राजधानी बीजिंग की यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर का अलग-थलग बताया था। इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश को महासागर का एकमात्र रक्षक तक करार दिया था और ऐसा कहकर वह चीन से भारी निवेश पाने की लालच में थे। उन्होंने कहा था, “बांग्लादेश इस इलाके के लिए एक एंट्री गेट बन सकता है। इस भौगोलिक स्थिति में चीन के लिए अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं और यह क्षेत्र चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार का कारण भी बन सकता है।

यूनुस ने जोर देते हुए कहा था, “बांग्लादेश से आप कहीं भी जा सकते हैं। महासागर हमारे पिछवाड़े में है।” हालांकि, पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कार्रवाई के बाद यूनुस के बोल बदल गए और वह इस क्षेत्र की साझा समृद्धि के लिए इसे एक संभावित कॉरिडोर के तौर पर प्रेजेंट कर रहे हैं, जिसमें साझा इंटरेस्ट और रिसोर्स शेयरिंग की बात हो रही है।



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