डिब्रूगढ़। प्रतिष्ठित असमिया लेखक और साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य नागेन सैकिया की कांस्य प्रतिमा का अनावरण साहित्य अकादेमी के सचिव के.श्रीनिवासराव द्वारा किया गया। इस समारोह का आयोजन प्रहरी संस्था द्वारा किया गया था। 10 फीट ऊंची इस प्रतिमा को प्रख्यात मूर्तिकार वीरेन सिन्हा ने बनाया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डिब्रूगढ़ के जिलाधिकारी थे। इस अवसर पर बोलते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि ऐसा कोई समय नहीं था जब समाज विचारकों और बुद्धिजीवियों के बिना था। यदि किसी सभ्यता में कोई तार्किकता, कोई भावना या कोई दिशा बची है तो इसका कारण यह है कि इन विचारकों और लेखकों ने उन सभ्यताओं का मार्गदर्शन किया है। लेखकों, कवियों और दार्शनिकों के कारण ही मानव समाज प्रगति करता रहा लेकिन विडंबना यह है कि इनको कभी भी उचित
सम्मान नहीं मिला ।
नागेन सैकिया का संपूर्ण लेखन दरअसल मनुष्यता की कथा है, जो केवल एक समाज या राष्ट्र की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की धरोहर है। इस अर्थ में, नागेन सैकिया केवल असमिया लेखक या भारतीय लेखक नहीं बल्कि वैश्विक लेखक हैं। उनका साहित्य वैश्विक साहित्य का अभिन्न अंग है।
राव ने इस सराहनीय कदम के लिए डिब्रूगढ़ और प्रहरी समिति के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि ये लोग मूर्ति स्थापना के लिए किसी सेलिब्रिटी को चुन सकते थे लेकिन एक लेखक का चयन कर उन्होंने वास्तव में एक सांस्कृतिक दृष्टि का परिचय दिया है।