मैं समय के साथ चलता रहा हूं, गांव अभी भी मेरे अंदर बसता है : रामदरश मिश्र

बनारस के उस समय के साहित्यिक माहौल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय की दुनिया बहुत अच्छी थी और हम सब एक दूसरे से सीखते थे। ईष्या का कोई भाव दूर-दूर तक न था।

नई दिल्ली।साहित्य अकादेमी द्वारा अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘लेखक से भेंट’ के लिए आज प्रख्यात कवि एवं कथाकार रामदरश मिश्र को आमंत्रित किया गया। श्रोताओं की भारी भीड़ के समक्ष उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने कई संस्मरण श्रोताओं से साझा किए। कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के हिंदी परामर्श मंडल के सदस्य सुरेश ऋतुपर्ण ने उन्हें अंगवस्त्रम् भेंट कर उनका स्वागत किया।

अपने बचपन के बारे में बताते हुए उन्होंने अपनी माँ और अपने गाँव को बहुत ही भावनात्मक रूप में याद किया। उन्होंने बताया कि वे बचपन से ही चीज़ों को धीरे-धीरे समझते थे और अपनी माँ से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने कक्षा 6 में लिखी पहली कविता, बनारस की अपनी पढ़ाई और वहाँ के साहित्यकारों हजारी प्रसाद द्विवेदी, त्रिलोचन, शिवप्रसाद सिंह, शंभुनाथ सिंह, नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, ठाकुर प्रसाद सिंह आदि के साथ बिताए हुए अनमोल पलों के कई किस्से सुनाए।

आगे उन्होंने कहा कि वे कभी भी किसी दल के साथ नहीं रहे बल्कि उनका मूल मंत्र तो समय के साथ चलते रहने में था। साहित्य का काम है, प्रतिकार, और इसके लिए किसी दल की ज़रूरत नहीं होती है। उन्होंने अपने जीवन में गाँव की उपस्थिति को याद करते हुए कहा कि गाँव मुझमें आजतक बसा हुआ है। गाँव ने मुझे जो सघन आंतरिक और बाहरी अनुभव दिए हैं, वह सब आजतक मेरे काम आ रहे हैं। गाँव ने ही मुझे सादगी, सहजता और ईमानदारी दी है।

श्रोताओं द्वारा पूछे गए एक प्रश्न कि कविता से कथा लेखन में क्यों आए पर उनका उत्तर था कि कविता में जो छूटा वह कहानी में आया। अपने कष्टों के बारे में एक श्रोता को बताते हुए कहा कि मैंने जो भी कष्ट झेले वह मेरे लेखन के लिए वरदान हो गए। बनारस के उस समय के साहित्यिक माहौल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय की दुनिया बहुत अच्छी थी और हम सब एक दूसरे से सीखते थे। ईष्या का कोई भाव दूर-दूर तक न था। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने नदी, चिड़िया, घर, बच्चा, अपना रास्ता आदि अपनी कई छोटी-छोटी कविताएँ और दो ग़ज़लें भी प्रस्तुत कीं।

First Published on: June 9, 2022 7:39 PM
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