साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2024: हिंदी के लिए गगन गिल और अंग्रेजी के लिए ईस्टरिन किरे पुरस्कृत


पुरस्कारों की अनुशंसा 21 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।


प्रदीप सिंह प्रदीप सिंह
साहित्य Updated On :

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2024 की घोषणा की गई। साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि पुरस्कार 21 भाषाओं के लिए घोषित किए गए हैं, जिनमें आठ कविता-संग्रह, तीन उपन्यास, दो कहानी संग्रह, तीन निबंध, तीन साहित्यिक आलोचना, एक नाटक और एक शोध की पुस्तकें शामिल हैं। बाड़्ला, डोगरी और उर्दू में पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जाएगी। पुरस्कारों की अनुशंसा 21 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।

पुरस्कार प्राप्त पुस्तकें हैं (कविता-संग्रह) – समीर तांती (असमिया), दिलीप झावेरी (गुजराती), गगन गिल (हिंदी), के. जयकुमार (मलयाळम्), हाओबम सत्यबती देवी (मणिपुरी), पॉल कौर (पंजाबी), मुकुट मणिराज (राजस्थानी), दीपक कुमार शर्मा (संस्कृत), उपन्यास – अरन राजा (बोडो), ईस्टरिन किरे (अंग्रेज़ी), सोहन कौल (कश्मीरी), कहानी-संग्रह – युवा बराल (नेपाली), हूंदराज बलवाणी (सिंधी), निबंध – मुकेश थली (कोंकणी), महेन्द्र मलंगिया (मैथिली), बैष्णब चरण सामल (ओड़िआ), साहित्यिक आलोचना – के.वी. नारायण (कन्नड), सुधीर रसाल (मराठी), पेनुगोंडा लक्ष्मीनारायण (तेलुगु), नाटक – महेश्वर सोरेन (संताली), शोध – ए. आर. वेंकटचलपति (तमिळ)।

ये पुरस्कार, पुरस्कार-वर्ष पिछले पाँच वर्ष (यानी, 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के दौरान) पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिए गए हैं। पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि पुरस्कृत लेखकों को कमानी ऑडिटोरियम, कॉपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली- 110001 में 8 मार्च 2025 को आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किए जाएँगे।